दिल्ली मेट्रो में 94 फीसदी चोरी की घटनाओं को इस तरह से अंजाम देती है ‘महिला चोरनियां’

दिल्ली मेट्रो – सीआईएसएफ अधिकारियों के मुताबिक महिला पॉकेटमार ज्यादातर सेंट्रल दिल्ली से मेट्रो में चढती है, फिर यात्रियों के साथ असमान्य व्यवहार करने की कोशिश करती है।

New Delhi, Jan 12 : दिल्ली मेट्रो में पॉकेटमारी की घटनाएं बढ गई है, साल 2017 में दिल्ली मेट्रो में पॉकेटमारी के 1392 मामले दर्ज हुए थे। केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने इस संख्या को कम करने के लिये काफी कदम उठाये हैं, विशेष अभियान चलाने के बाद साल 2018 में पॉकेटमारी की घटनाए कम हुई, इस साल 497 मामले दर्ज किये गये हैं, इसमें भी 94 फीसदी मामलों को महिला पॉकेटमारों ने अंजाम दिया था, साल 2017 में ये प्रतिशत 85 था।

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आंकड़ों से सीआईएसएफ परेशान
साल 2017 के आंकड़ों ने सीआईएसएफ को परेशान कर दिया था, जिनके कंधों पर मेट्रो की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, अधिकारियों ने ह्यूमन इंटेलिजेंस और सीसीटीवी कैमरों की मदद से संदिग्धों की पहचान करनी शुरु की, उन्हें परिसर में घुसने ही नहीं दिया जाता था, सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 236 मेट्रो स्टेशन पर ज्यादा कर्मियों की तैनाती की गई थी, साथ ही अतिरिक्त महिला और पुरुष जवानों को असुरक्षित स्थानों पर लगाया गया, ताकि वो पॉकेटमारों को रंगे हाथ पकड़ सके।

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पुलिस को भी किया गया शामिल
सीआईएसएफ के इस अभियान में पुलिस टीम को भी शामिल किया गया, 4 कांस्टेबलों की विशेष टीम मेट्रो स्टेशन और इस गैंग की पसंदीदा जगहों पर नजर रखने का काम करती थी, सिविल ड्रेस में तैनात पुलिसकर्मी स्टेशन परिसर के आस-पास घूमते पॉकेटमारों और झपटमारों पर नजर रखते थे, साल 2017 में 1292 महिलाएं और 100 पुरुष पकड़े गये, 2018 में ये संख्या 470 और 28 है।

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असामान्य व्यवहार करें तो सावधान रहें
सीआईएसएफ अधिकारियों के मुताबिक महिला पॉकेटमार ज्यादातर सेंट्रल दिल्ली से मेट्रो में चढती है, फिर यात्रियों के साथ असमान्य व्यवहार करने की कोशिश करती है, ज्यादा भीड़ का फायदा उठा कर वो अपना हाथ साफ कर लेती है। अधिकारी ने कहा कि यात्री के साथ कोई अपरीचित महिला अगर असामान्य व्यवहार करे, तो सावधान हो जाना चाहिये।

बच्चा लेकर या गैंग बनाकर चलती है
एक अधिकारी ने कहा कि पॉकेटमारी करने वाली महिलाएं आमतौर पर बच्चा लेकर चलती हैं, या फिर समूह में यात्रा करती हैं, वो भीड़ का फायदा उठाकर किसी शख्स के बैग का चेन खोलती है, मौका मिलते ही दूसरी महिली कीमती सामान निकाल लेती हैं, फिर गैंग के किसी तीसरे शख्स को पास कर देती हैं, अगर किसी पीड़ित को समूह की किसी महिला पर शक होता है, तो चेक करने पर उनके पास से कुछ भी नहीं मिलता।