भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी खोज, पुरुषों के लिये साबित होगा वरदान, एक इंजेक्शन और 13 साल नहीं बन पाएंगे पापा

डॉक्टरों का कहना है कि इस इंजेक्शन की खास बात ये है कि इसे लगाने के बाद 13 साल तक बच्चे पैदा नहीं कर सकते।

New Delhi, Jan 14 : समय के साथ-साथ विज्ञान के भी काफी तरक्की कर ली है, वैज्ञानिकों ने अब ऐसा कॉन्ट्रासेप्टिक (गर्भनिरोधक) इजात किया है, जिसे लेने के बाद पुरुषों को नसबंदी की जरुरत नहीं होगी, आपको बता दें कि भारतीय साइंटिस्टों ने मेल कॉन्ट्रासेप्टिक यानी गर्भनिरोधक इंजेक्शन को विकसित किया है, इस इंजेक्शन को लगाने के बाद सकिसी भी पुरुष को नसबंदी करवाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

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ट्रायल पूरा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की अगुवाई में बने इस इंजेक्शन का ट्रायल भी पूरा हो चुका है, रिपोर्ट्स के अनुसार इस इंजेक्शन के ट्रायल की रिपोर्ट को हेल्थ मिनिस्ट्री को सौंप दिया गया है, अगर हेल्थ मिनिस्ट्री इसे हरी झंडी दिखा देता है, तो जल्द ही उसे बाजार में उपलब्ध करा दिया जाएगा।

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क्या कहते हैं डॉक्टर्स
आईसीएमआर के साइंटिस्ट डॉक्टरों के अनुसार ये रिवर्सिबल इनबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस हैं, जो एक तरह का गर्भनिरोधक इंजेक्शन है, उन्होने जानकारी देते हुए कहा कि अब तक पुरुषों को स्पर्म का ट्रांजेक्शन रोकने के लिये गर्भनिरोधक ऑपरेशन की जरुरत पड़ती थी, लेकिन इस इंजेक्शन के आने के बाद पुरुषों को किसी भी तरह की सर्जरी की जरुरत नहीं पड़ेगी।

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13 साल तक करेगा काम
डॉक्टर्स के अनुसार इस इंजेक्शन की सफलता की दर 95 फीसदी से ज्यादा है, डॉक्टरों का कहना है कि इस इंजेक्शन की खास बात ये है कि इसे लगाने के बाद 13 साल तक बच्चे पैदा नहीं कर सकते। इसके रिसर्च में शामिल एक डॉक्टर ने बताया कि ये एक तरह का सिंथेटिक पॉलिमर है, नसबंदी सर्जरी में जिन दो नसों को काट कर उसका इलाज किया जाता था, इस प्रोसीजर में उसी नस में इंजेक्शन दिया जाता है, जिसमें स्पर्म ट्रैवल करता है।

गर्भ नहीं ठहरता
डॉक्टर ने बताया कि इंजेक्शन के बाद निगेटिव चार्ज होने लगता है, स्पर्म टूट जाता है, जिससे फर्टिलाइजेशन यानी गर्भ नहीं ठहरता, डॉक्टर ने जानकारी दी, कि पहले चूहे, फिर खरगोश और दूसरे जानवरों पर इसका ट्रायल किया गया, इसके बाद इंसानों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल किया गया, 303 लोगों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल का फेज वन और टू पूरा हो चुका है, ये 99.2 फीसदी तक प्रेग्नेंसी रोक पाने में कारगर साबित हुआ है।