2 साल बाद नीतीश कुमार ने तोड़ी चुप्पी, आखिर क्यों महागठबंधन छोड़ एनडीए के साथ आ गये

नीतीश कुमार ने कहा कि हमेशा मेरा रुख साफ रहा है, अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से कोई समझौता नहीं होगा।

New Delhi, Jan 16 : बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन से रिश्ते तोड़ने के फैसले के पीछे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार बताया है, उन्होने कहा कि तत्कालीन डिप्टी सीएम और लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर राहुल गांधी चुप थे, उनकी अक्षमता की वजह से उन्होने महागठबंधन से बाहर निकलने का फैसला लिया।

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कांग्रेस को 40 सीटें दिलाने में भूमिका
सुशासन बाबू ने दावा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40 सीटें दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें निराश किया, जब उन्होने कोई बयान नहीं किया, जिससे मैं महागठबंधन छोड़ने के बारे में दोबारा विचार कर सकता था।

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मेरा रुख साफ-नीतीश
नीतीश कुमार ने आगे बोलते हुए कहा कि हमेशा मेरा रुख साफ रहा है, अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन उनकी कार्यशैली ऐसी थी, कि मेरे लिये उनके साथ काम करना मुश्किल होता जा रहा था, सभी स्तरों पर उनका हस्तक्षेप था, उनके लोग फरमानों के साथ थाने में फोन करते थे और पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश करते थे।

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मोदी ही फिर बनेंगे पीएम
बिहार के मुख्यमंत्री ने एक निजी समाचार चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे, उन्होने साफतौर से कहा कि बीजेपी के साथ असंतोष का अब कोई सवाल नहीं है, नरेन्द्र मोदी ही अगली बार भी देश के प्रधानमंत्री होंगे, आपको बता दें साल 2013 में नीतीश कुमार ने मोदी का विरोध करते हुए एनडीए से नाता तोड़ लिया था।

बिहार में सीटों का बंटवारा
बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं, एनडीए में सीटों का बंटवारा हो चुका है, इसमें जदयू और बीजेपी 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि लोजपा के खाते में 6 सीटें गई है। आपको बता दें कि 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश, लालू और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़े थे और जीतकर आये थे, लेकिन दो साल बाद ही नीतीश ने नाटकीय तरीके से महागठबंधन छोड़ एनडीए में वापसी की, तब तेजस्वी यादव पर कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, कहा जाता है कि नीतीश चाहते थे कि तेजस्वी इस्तीफा दें, लेकिन उनके इस्तीफा नहीं देने के बाद उन्होने महागठबंधन छोड़ एनडीए का रुख किया।