मनमोहन के विदेश मंत्री का बड़ा बयान, राहुल गांधी नहीं बल्कि ये बन सकती हैं अगली पीएम, बीजेपी रहेगी नंबर वन

राजस्थान सरकार पर हमला बोलते हुए पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि गहलोत और सचिन पायलट के बीच आपसी मतभेद की वजह से प्रदेश सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है।

New Delhi, Jan 22 : लोकसभा चुनाव को लेकर काउंटडाउन शुरु हो चुका है, पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है, उन्होने कहा कि 2019 में महागठबंधन जीत दर्ज करेगा और यूपी की पूर्व सीएम मायावती पीएम पद की सबसे प्रबल दावेदार बनकर उभरेगी, इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि राहुल गांधी अगले प्रधानमंत्री नहीं होंगे, ये लगभग तय हो चुका है।

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कांग्रेस जीतेगी सिर्फ इतनी सींटे
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री पद पर बसपा सुप्रीमो मायावती का नाम सबसे आगे चल रहा है, कांग्रेस आगामी लोकसभी चुनाव में अपनी सीटों को सिर्फ दुगुना तक बढाकर 88-90 सीटें जीत सकती है, आपको बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 46 सीटों पर सिमट गई थी।

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मायावती की संभावना ज्यादा
आपको बता दें कि नटवर सिंह सक्रिय राजनीति से साइडलाइन हैं, वो अलवर के रामगढ विधानसभा क्षेत्र में अपने बेटे के प्रचार के लिये पहुंचे थे, उनके बेटे जगत सिंह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, नटवर सिंह ने कहा कि देश की राजनीति में यूपी का अहम रोल है, इसलिये मायावती पीएम की रेस में सबसे आगे है, महागठबंधन को लेकर नटवर सिंह ने कहा कि पीएम मोदी अभी भी दक्षिण भारत को समझ नहीं पाये हैं, क्योंकि उनके पास कोई विजन नहीं है।

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ऑल इंडिया विजन
सक्रिय राजनीति से सन्यास ले चुके दिग्गज नेता ने कहा कि कांग्रेस का जो ऑल इंडिया विजन था, वो मोदी का नहीं है, गठबंधन तो बनेगा ही, वो कोलकाता में साफ हो चुका है, तीन प्रदेशों में मिली हार के बाद मोदी की लोकप्रियता गिरी है, उन्होने अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रदेश में हूकूमत करना अलग बात है और देश में राज करना अलग बात है।

ज्यादा दिन नहीं चलेगी राजस्थान सरकार
राजस्थान सरकार पर हमला बोलते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गहलोत और सचिन पायलट के बीच आपसी मतभेद की वजह से प्रदेश सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है, उन्होने कहा कि कांग्रेस सिर्फ सोनिया गांधी की वजह से एकजुट है, उनके बाद पार्टी का विभाजन होना स्वाभाविक है, उन्होने आम चुनाव में बीजेपी के सबसे बड़ी पार्टी बनने की संभावना जताई है, लेकिन बहुमत से दूर रहने की भविष्यवाणी की है।