एक हुए भाजपा और शिवसेना, विपक्षी खेमे में मची खलबली, लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा दांव

मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा –  ‘साहसी बालासाहेब ठाकरे को उनकी जयंती पर स्मरण करते हुये उन्हें प्रणाम करता हूं । सम्मानित बालासाहेब में लोगों के अधिकारों की रक्षा और उनकी भलाई के प्रति अटूट प्रतिबद्धता थी ।’

New Delhi, Jan 24 : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे एक ही मंच पर नजर आए । मौका था शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक के निर्माण कार्य की शुरुआत के लिए आयोजित वास्तु पूजन कार्यक्रम का, जिसमें भाजपा सीएम ने शिरकत की । आपको बता चलें कि इन दिनों शिवसेना और बीजेपी के बीच रिश्‍तों में खटास चल रही है, ऐसे में दोनों का एक मंच पर शामिल होना विपक्ष के लिए किसी खलबली से कम नहीं । दोनों नेताओं ने ना सिर्फ हाथ मिलाया बल्कि एक दूसरे से बातचीत भी कहते नजर आए ।

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इस आयोजन के लिए हुए ‘एक’
दरअसल बुधवार को शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक के निर्माण की शुरुआत के लिए    वास्तु पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । फणनवीस कार्यक्रम में शामिल हुए और अपनी और उद्धव ठाकरे की तस्‍वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करने से चूके नहीं । विपक्ष इसे बीजेपी की चुनावी चाल बता रहा है । दोनों दलों के एक मंच पर नजर आने से कांग्रेसी खेमे में हलचल जरूर मच गई है ।

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पीएम मोदी ने भी किया ट्वीट
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बाल ठाकरे को लेकर ट्वीट किया । उन्‍हाने बाला साहेब की समझ और भाषण कला की जमकर प्रशंसा की । मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा –  ‘साहसी बालासाहेब ठाकरे को उनकी जयंती पर स्मरण करते हुये उन्हें प्रणाम करता हूं । सम्मानित बालासाहेब में लोगों के अधिकारों की रक्षा और उनकी भलाई के प्रति अटूट प्रतिबद्धता थी । वह निर्भिक व साहसी थे और तेज बुद्धि के साथ उनकी समझ बहुत गहरी थी । उनके भाषण कौशल ने लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।’  एक जानकारी के अनुसार उम्‍मीद जताई जा रही है कि शिवसेना की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को औपचारिक भूमि पूजन के लिए आमंत्रित किया जा सकता है ।

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स्मारक के लिए 100 करोड़ रुपए मंजूर
आपको बता दें बाला साहेब की जयंती के मौके पर महाराष्ट्र कैबिनेट ने मंगलवार को ठाकरे स्मारक के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर किये थे । विपक्षी दल बीजेपी के इस कदम को लोकसभा चुनाव से पहले रूठर हुई शिवसेना तक पहुंच बनाने के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं । बीते साल में शिवसेना अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है । वहीं पार्टी के एक नेता ने गठबंधन की अटकलों को नकारते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से ठाकरे स्मारक के लिए धनराशि मंजूर करने के फैसले का आगामी चुनाव के लिए गठबंधन की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ने वाला ।

कांग्रेस और एनसीपी के बयान
वहीं राज्‍य सरकार के शिवसेना के मंच पर दिखने को लेकर  कांग्रेस प्रवक्ता सचिप सावंत ने कहा कि –  ‘शिवसेना के पास बहुत पैसा होने के बावजूद, वह सरकार और लोगों के पैसे का उपयोग कर रही है, जिसकी आवश्यकता नहीं थी. बीजेपी केवल चुनाव से पहले शिवसेना को लुभाने की कोशिश कर रही है ।’वे चाहते हैं कि गठबंधन हो, इसलिए लोगों के पैसे का इस्तेमाल हो रहा है. स्मारक से अधिक, बीजेपी को चुनावों की चिंता है।’ वहीं एनसीपी नेता चित्रा वाघ ने कहा ‘शिवसेना हमेशा से बीजेपी का अपमान करती आई है । अब जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो  दोनों दल महसूस कर रहे हैं कि अगर वो साथ नहीं आते तो पतन निश्चित है । बस इसलिए, स्मारक के नाम पर यह नाटक हो रहा है।’