2 मिनट की चूक और खत्म हो जाता पूरा परिवार, नाइट ड्यूटी ने बचा ली जान

धर्मेन्द्र ने बताया कि उनका मकान दयाराम की निर्माणाधीन बिल्डिंग के साथ था, वो ड्राइवर की नौकरी करता है, और पाई-पाई जोड़कर अपना एक मंजिला मकान बनवाया था।

New Delhi, Jan 25 : गुरुवार सुबह अगर दो मिनट की चूक होती, तो मेरा पूरा परिवार खत्म हो जाता, मुझे अपने परिवार के सही सलामत बचने की बेहद खुशी है, लेकिन मकान के मलबे में तब्दील हो जाने का दुख भी हो रहा है, क्योंकि ये मेरे खून पसीने की कमाई थी, ये बताते हुए गुरुग्राम के गांव उल्लावास निवासी धर्मेन्द्र की आंखों में आंसू छलछला गये, कुछ इसी तर्ज पर जोगेन्द्र भी रो पड़े, उन्होने कहा कि अगर मेरी दिन की ड्यूटी होती, तो मेरा परिवार खत्म हो जाता।

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ड्राइवर की नौकरी करता है धर्मेन्द्र
धर्मेन्द्र ने बताया कि उनका मकान दयाराम की निर्माणाधीन बिल्डिंग के साथ था, वो ड्राइवर की नौकरी करता है, और पाई-पाई जोड़कर अपना एक मंजिला मकान बनवाया था, जिस समय हादसा हुआ, तब वो जगा हुआ था, दयाराम को उन्होने कई बार मना किया था, कि मकान मत बनाओ, लेकिन वो नहीं माने, जिद पर आकर वो मकान की घंटों तराई करता था, जिसकी वजह से मकान में सीलन आ गई, बुधवार को जब दयाराम ने अपने मकान की चौथी मंजिल पर शेटरिग डाली, तो उन्हें बेहद डर लग रहा था।

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मकान जमींदोज हो गया
गुरुवार सुबह जब उन्होने लेंटर गिरने की आवाज सुनी, तो अपने मकान की छत पर पहुंचे और वहां का नजारा देख सहम गये, तुरंत नीचे आये और पत्नी को जगाकर बाहर की तरफ भागे, जैसे ही बाहर निकले, तो दयाराम का मकान मलबे में तब्दील हो गया, साथ ही धर्मेन्द्र के मकान का भी एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, धर्मेन्द्र ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उनका परिवार सही सलामत है, लेकिन मेहनत की कमाई से बनाया गया घर क्षतिग्रस्त हो गया।

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नाइट ड्यूटी ने बचाई जान
जमींदोज हुए मकान में रहने वाले जोगेन्द्र ने कहा कि वो एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी करते हैं, उनके बेटे मोहित की दिन की ड्यूटी थी, बेटा रात में सो रहा था, और वो ड्यूटी पर थे, अगर ड्यूटी पर ना होते, तो इसी मलबे में दबकर उनकी जान चली जाती, इसी मकान में रहने वाले रामजीत भी उन्हीं के साथ ड्यूटी पर थी, जिसकी वजह से उनकी भी जान बच गई।

भैंस ने बचाई दयाराम की जान
हादसे से 5 मिनट पहले तक मकान के मालिक दयाराम इसी निर्माणाधीन मकान में मौजूद थे, उन्होने 2 भैंस बांधी हुई थी, जिसका दूध निकालने के लिये वो अपने दूसरे प्लॉट पर चले गये, जब तक भैंस को बांधकर वापस लौटे, तब तक उनका मकान जमींदोज हो चुका था।