SC के फैसले के बाद दीदी का पहला बयान, अंजना ओम कश्यप ने दिखाया आईना, तो सरदाना भी नहीं रहे पीछे  

पश्चिम बंगाल में मचे सियासी तूफान पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आदेश दिया है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को पूछताछ के लिये सीबीआई के सामने पेश होना होगा ।

New Delhi, Feb 05 : बंगाल चैप्‍टर पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है । रविवार देर शाम से मचे इस बवाल पर आए कोर्ट के फैसले ने सीबीआई के हक में फैसला सुनाया है हालांकि दीदी इस फैसले को अपनी मॉरल विक्‍ट्री मान रही है । सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पुलिस कमिश्‍नर को सीबीआई के सामने पेश होना होगा हालांकि कोर्ट ने ये भी साफ किया कि सीबीईआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर को फिलहाल गिरफ्तार नहीं कर सकेगी ।

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट का फैस्‍ला हमारी जीत : ममता बनर्जी
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसली को ममता बनर्जी ने अपनी मॉरल विक्‍ट्री बताया है । ममता ने कहा कियह हमारी जीत नहीं है ये देश की जनता की जीत है ।  2019 में मोदी नहीं आएंगे । हमारे राज्य को पैसा नहीं दे रहे । मेरा दिल रो रहा है, मैंने अभी तक बहुत बर्दाश्‍त किया ।
देश की बॉस जनता – ममता बनर्जी
रविवार देर शाम से ही धरने पर बैठीं ममता बनर्जी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। नैतिक तौर पर ये हमारी जीत है। राजीव कुमार ने कभी नहीं कहा कि वो जांच में सहयोग नहीं करेंगे। CBI बिना नोटिस के राजीव कुमार के आवास पहुंची। जनता के अलावा देश का कोई बॉस नहीं है।

Advertisement

रोहित सरदाना ने बयान पर किया ट्वीट
वहीं ममता बनर्जी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बयान आने के बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर ताबड़तोड़ बयान आने शुरू हो गए । ममता के मॉरल विक्‍ट्री के बयान पर पत्रकार और एंकर रोहित सरदाना उन्‍हें आई दिखाते हुए लिखा – ममता बनर्जी कह रही हैं उनकी ‘मॉरल विक्टरी’ हुई है! ‘मॉरल विक्टरी’ की ख़ासियत ये है कि उसे कहीं से प्रमाणित नहीं कराना पड़ता, मन के हारे ही हार होती है, मन के जीते ही जीत!

Advertisement

अंजना आम कश्‍यप का ट्वीट
वहीं आजतक की सीनियर एंकर अंजना ओम कश्‍यप ने ममता के धरने को पॉलिटीकल ड्रामा बताते हुए ट्वीट किया – जाँच से उपर कोई नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को CBI के सामने पेश होने को कहा । अभी उनकी गिरफ़्तारी नहीं होगी। CBI तो पूछताछ के लिए ही गई थी, गिरफ़्तार करने का सियासी डर फैलाया गया था। पॉलिटिक्स धरना मार के चोलछे !

Advertisement