खून खौला देने वाली है पुलवामा की घटना और वैसे ही हैं कश्मीरी नेताओं के बयान

सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के लिये पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जिम्मेदार है, इस संगठन का मुख्य मकसद भारत के कश्मीर को अलग करना है।

New Delhi, Feb 15 : आम चुनाव से ठीक पहले पुलवामा में अर्धसैनिक बल के जत्थे पर बड़ा आतंकी हमला हुआ है, ये हमला जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के गोरीपोरा में हुआ है, इस हमले में 40 से ज्यादा जवानों के शहीद होने की खबर है, इसके साथ ही पचास से ज्यादा जवान गंभीर रुप से घायल हैं, ये हमला आईईडी से किया गया है, जवानों को ले जा रही बस को आतंकियों ने निशाना बनाया, इसके साथ ही खबर ये भी है कि आतंकियों ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर गोलियों से भी हमला किया।

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हमले की साजिश का पर्दाफाश
इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है, इसके साथ ही ये भी पता लगा है कि किस तरह काकपोरा के रहने वाले आदिल अहमद डार का ब्रेनवॉश किया गया, एक स्कॉर्पियों की कुर्सी हटाकर उसमें दो सौ किलो विस्फोटक भरा गया, कहा जा रहा है कि आतंकियों के सीआरपीएफ के काफिले के वहां से गुजरने की जानकारी पहले से थी, जिसके बाद इस हमले को अंजाम दिया गया।

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क्या है जैश-ए-मोहम्मद
सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के लिये पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जिम्मेदार है, इस संगठन का मुख्य मकसद भारत के कश्मीर को अलग करना है, आपको बता दें कि इस संगठन की स्थापना साल 2000 में आतंकी मसूद अजहर ने की थी, मसूद पाक के पंजाब से ताल्लुक रखता है, ये कोई पहला मौका नहीं है, जब जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने भारत को दहलाया है।

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घटना को लेकर क्या कह रहे घाटी के नेता
इस हादसे ने पूरे देश को सहमा दिया है, लोग गुस्से में हैं, इसलिये ये जरुरी था कि राजनेता इस पर संयम बरतते, नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर घटना पर गहरा दुख जताया है, वहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए लिखा है कि कोई भी शब्द इस भीषण आतंकी हमले की निंदा करने के लिये पर्याप्त नहीं है।

हुर्रियत नेताओं की चुप्पी
मामले को लेकर जब हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारुक और सैयद अली शाह गिलानी का ट्विटर प्रोफाइल का रुख किया, तो ये लोग इस मसले पर बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं, मीर वाइज उमर फारुख गुरुवार को उसी काकपोरा में थे, जहां के आतंकी आदिल अहमद ने इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया, आपको बता दें कि ये दोनों ही नेता और इनका संगठन अलगाववाद की राजनीति के लिये जाने जाते हैं, पहले से लेकर अब तक कई ऐसे मौके आये हैं, जब इन्होने आतंकवाद या ऐसी घटनाओं को परोक्ष या प्रत्यक्ष रुप से समर्थन दिया है।