मेजर बेटे की शादी के कार्ड बांट रहे थे पिता, लेकिन घर आई मनहूस खबर, सदमे में होने वाली दुल्‍हन

बस इंतजार था तो बेटे के घर लौटने का । वो जल्‍दी छुट्टी पर आ जाता तो ये इंतजार हमेशा के लिए इंतजार ना रहता । बेटे के शहीद होने की खबर ने पूरे परिवार को सदमे में छोड़ दिया है ।

New Delhi, Feb 17 : जम्‍मू-कश्‍मीर के राजौरी जिले में आईडी डिस्‍मेंटल करते हुए शहीद हुए मेजर चित्रेश सिंह बिष्‍ट की होने वाली दुल्‍हन सदमे में हैं । परिवार की हालत तो पूछिए ही मत, 7 मार्च को शादी के लिए मेजर चित्रेश को पिता कब से छुट्टी लेकर घर आने को कह रहे थे, काम में हाथ बंटाने को कह रहे थे लेकिन इतनी जल्‍दी छुट्टी लेकर घर आने की बजाय चित्रेश देश के लिए काम करने को तरजीह देते रहे । शादी के सपने संजोए, मेजर चित्रेश की होने वाली दुल्‍हन अब सदमे में है ।

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सदमे में परिवार
देहरादून की नेहरू कॉलेनी, जहां रहता है मेजर चित्रेश बिष्‍ट का परिवार । 7 मार्च को बेटे की शादी    थी, बड़ी धूमधाम से तेयारियां चल रही थीं । कार्ड बंट रहे थे, शादी में लेन-देन का सामान भी आ गया था । मिठाईयां बन रहीं थी, होटल वेन्‍यू सब बुक हो चुका था । बस इंतजार था तो बेटे के घर लौटने का । वो जल्‍दी छुट्टी पर आ जाता तो ये इंतजार हमेशा के लिए इंतजार ना रहता । बेटे के शहीद होने की खबर ने पूरे परिवार को सदमे में छोड़ दिया है ।

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मेजर बिष्‍ट हुए शहीद
शनिवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा में नियंत्रण रेखा पर एक बारूदी सुरंग विस्फोट में मेजर चित्रेश सिंह बिष्‍ट शहीद हो गए । इस हादसे में एक जवान घायल हुआ है । जानकारी के अनुसार मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट एक बम निरोधक दस्ते की अगुवाई कर रहे थे । मेजर बिष्‍ट की शहादत की खबर के बाद से पूरा परिवार सदमे में है, सभी का रो-रोकर बुरा हाल है । उनकी होने वाली पत्‍नी अंकिता को समझ नहीं आ रहा कि वो क्‍या करें, जिसके साथ भावी जीवन के सपने संजोए थे वो देश के नाम अपना नाम कर गया ।

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25 बम डिफ्यूज कर चुके थे चित्रेश
परिवार ने बताया कि मेजर चित्रेश बहुत होनहार थे । पढ़ाई में हमेशा अव्‍वल । उनके मुताबिक मेजर बिष्‍ट अब तक 25 बम डिफ्यूज कर चुके थे । नोशेरा में भी 4 में से 3 बम सफलतापूर्वक डिफ्यूज करने के बाद चौथे में विस्‍फोट हो गया । सीमा पर अधिकारियों को शनिवार दोपहर करीब 3 बजे बारूदी सुरंग का पता चला था, जिसे डिफ्यूज करने के लिए मेजर चित्रेश की लीड में टीम को भेजा गया था । बम निरोधक दस्ते ने एक बारूदी सुरंग को तो सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया लेकिन जब वे दूसरी सुरंग को निष्किय कर रहे थे तो उसमें विस्फोट हो गया। इसी में मेजर बिष्‍ट शहीद हो गए ।

2010 पास आउट थे चित्रेश
31 साल के मेजर चित्रेश उत्तराखंड में देहरादून के रहने वाले थे । उनके परिवार में उनके माता-पिता हैं । चित्रेश भारतीय सैन्‍य अकैडमी देहरादून से 2010 में पासआउट हुए थे । सेना की इंजिनियरिंग कोर में तैनात चित्रेश के पिता एसएस बिष्‍ट उत्‍तराखंड पुलिस से सेवानिवृत्‍त हैं । मेजर के बड़े भाई नीरज बिष्‍ट ब्रिटेन में सिविल इंजिनियर हैं । जो परिवार बेटे की शादी के लिए इकठ्ठा होने वाला था, वहीं अब नम आंखों से देश के सपूत को विदा करने के लिए एक होगा । आस-पड़ोस के लोग भी चित्रेश के परिवार के साथ सदमे में हैं । मेजर चित्रेश का शव आज शाम तक देहरादून पहुंचेगा ।