एयर स्ट्राइक- इस कूटनीति को कहते हैं मारेंगे भी और रोने भी नहीं देंगे- सरदाना

एयर स्ट्राइक – वैसे सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत की राजनीतिक पार्टियों के रवैए को देखते हुवे इस बार वायुसेना ने तसल्लीबख़्श काम किया।

New Delhi, Feb 26 : ‘कोई अगर तुम्हें एक गाल पर थप्पड़ मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो’; ये वाला वक़्त अब चला गया है. नए भारत ने आख़िरकार पाकिस्तान को उसकी हरकतों का जवाब घर के अंदर घुस कर दिया है, इसमें अब किसी को शक नहीं रह गया होगा.
औपचारिक तौर पर भारत के विदेश मंत्रालय ने बता दिया है कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में चल रहे आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की है और ये ‘ग़ैर सैनिक कार्रवाई’ थी. यानि भारतीय वायुसेना ने केवल आतंकी मारे हैं, पाकिस्तानी नागरिक या उनकी फ़ौज के लोग नहीं. इस कूटनीति को सामान्य बोलचाल में समझिए तो – मारा भी है और रोने भी नहीं दिया! आतंकी ठिकानों में उसके सैनिक थे ये पाकिस्तान कभी क़ुबूल कर नहीं सकेगा.

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पाकिस्तान की सांसद में इमरान खान के ख़िलाफ़ लगे नारे, OIC में सुषमा स्वराज को दिया न्यौता रद्द किए जाने की माँग, पाकिस्तानी फ़ौजी अधिकारियों के सुबह से आ रहे ट्वीट, ये बताने के लिए काफ़ी हैं कि चोट इस बार गहरी है. लेकिन इसका ज़िम्मेदार भी तो पाकिस्तान ख़ुद ही है! भारत तो कभी युद्ध का पक्षधर नहीं रहा, लेकिन पानी सर के ऊपर होने लगे तो कोई क्या करेगा?
भारतीय वायुसेना ने तो मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले के बाद भी ऐसी कार्रवाई की पेशकश की थी, लेकिन ऐसा हो ना सका!

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वैसे सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत की राजनीतिक पार्टियों के रवैए को देखते हुवे इस बार वायुसेना ने तसल्लीबख़्श काम किया; यहाँ कोई सबूत माँगने खड़ा हो उसके पहले ही पाकिस्तान की तरफ़ से रोना चीख़ना मच गया कि हिंदुस्तान के लड़ाकू विमानों ने बम बरसाए हैं!
पर अपने यहाँ भी धुन के पक्कों की कमी थोड़े ना है?
कई इसी बात को ले के रायता फैलाने लग पड़े कि जिस बालाकोट में कार्रवाई की है वो पाकिस्तान के अंदर वाला है या पाक अधिकृत कश्मीर के हिस्से वाला? आतंकी कैम्प ख़ाली थे या भरे हुए? चीन की किसी वेब्सायट या न्यूज़ एजेन्सी ने अब तक भारत के एयर स्ट्राइक पर कोई ख़बर क्यों नहीं छापी? कई ऐसे भी हैं जो हज़ार किलो के बम गिरने की ख़बर सुनने के बाद भी पूछ रहे हैं, पाकिस्तानी चैनल जो तस्वीरें दिखा रहे हैं उनसे तो लगता है बम वाक़ई ख़ाली जगह पर जंगल में गिर गए?

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अरे भले मानुसों, कौन सा मुल्क अपनी ज़लालत की तस्वीरें टीवी पे दिखाता है? ओसामा बिन लादेन को जब अमेरिका ने पाकिस्तान में घुस कर मारा था तो कौन सा पाकिस्तान सुबह से बताने खड़ा हो गया था कि कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया है! ओबामा के दुनिया को बताने के बाद मजबूरन पाकिस्तान को क़ुबूल करना पड़ा था.
मलानत उनकी भी होनी चाहिए जो भारतीय कार्रवाई की ख़ुशी मनाने पटाखे-मिठाइयाँ ले कर सड़कों पर उतर रहे हैं. क्रिकेट मैच जीतने और युद्ध जैसी किसी परिस्थिति की दस्तक में फ़र्क़ समझना चाहिए. जोश को हाई रखिए, लेकिन होश के साथ!

(चर्चित टीवी पत्रकार रोहित  सरदाना के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)