केवल 7 लोग जानते थे #AirSurgicalStrike का मास्टर प्लान, सिर्फ इन्हें पता था भारतीय लड़ाके कब बालाकोट पर बोलेंगे हमला
रॉ ने पाक सीमा से सटे इलाकों में 6 लक्ष्य बताए थे जिसमें से बालाकोट इस लिस्ट में सबसे ऊपर था । ये इलाका कई सालों से जैश का ट्रेनिंग सेंटर बना हुआ था, इसे चलाने वाला मसूद का साला यूसुफ अजहर था, जिसे एयरस्ट्राइक में मार डाला गया ।
New Delhi, Feb 27 : जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ के कॉनवे पर हमला कर अपने लिए बड़ी मुसीबत मोल ले ली, अब भारत जैश के ठिकानों को चुन-चुनकर तबाह कर रहा है । 14 फरवरी को पुलवामा में जो हुआ पूरी दुनिया ने देखा, निंदा की लेकिन इस हमले का जवाब देना बहुत जरूरी था । देश गुस्से से उबल रहा था, शहीदों के घर आते ताबूत हर हिंदुस्तानी को रुला रहे थे । आंखें नम थीं और बदला लेने का जज्बा उबाल मार रहा था । सरकार पर निगाहें थीं, कब हम खुद पर हुए इस हमले का बदला लेंगे । कब अपने 45 जवानों की शहादत को आखिरी सलामी देंगे ।
26 फरवरी को भारत ने किया एयरस्ट्राइक
पुलवामा पर हमले के ठीक 12 दिनों बाद मंगलवार तड़के 3.40 बजे और 3.53 बजे के आसपासभारतीय वायुसेना के टाइगर स्क्वाड्रन के चार मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में मरकज सैयद अहमद शहीद ट्रेनिंग सेंटर पर हमला किया । खुफिया अधिकारियों के अनुसार इस हमले में 300 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, जिनमें आतंकी ट्रेनर, जेहादी और मसूद अजहर के करीबी शामिल थे । जैश के सबसे बड़े ट्रेनिंग सेंटर पर हुए इस हमले को भारत ने देश पर नहीं बल्कि आतंकवाद पर हुई कार्रवाई बताया है । जबकि पाकिस्तान इसे उकसावे की कार्रवाई कह रहा है और पलटवार की धमकी दे रहा है ।
14 फरवरी के बाद से ही जारी थी तैयारी
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 45 जवानों की शहादत से पूरा भारत अंदर तक हिल गया था । गुस्सा उबाल मार रहा था । सरकार जनता से धैर्य रखने की बात कर रही थी । समय आने पर माकूल जवाब का ढांढस बंधाया जा रहा था । लेकिन सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार और सेना ने इस हमले के अगले ही दिन से जवाबी कार्रवाई का खाका तैयार कर लिया था । पुलवामा हमले के तुरंत बाद ही भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी की रॉ को पाकिस्तान में लक्ष्य तलाशने के लिए कह दिया गया । रॉ ने पाक सीमा से सटे इलाकों में 6 लक्ष्य बताए थे जिसमें से बालाकोट इस लिस्ट में सबसे ऊपर था । ये इलाका कई सालों से जैश का ट्रेनिंग सेंटर बना हुआ था, इसे चलाने वाला मसूद का साला यूसुफ अजहर था, जिसे एयरस्ट्राइक में मार डाला गया ।
सिलसिलेवार तरीके से अंजाम दिया गया हमला
सूत्रों के अनुसार 18 फरवरी को पीएम मोदी ने हमले को मंजूरी दी थी । खुफिया सूत्रों के अनुसार इस फैसले के बारे में कसर्फ 7 लोगों को खबर थी, मोदी, डोभाल, तीनों सैन्य प्रमुख और रॉ और इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख । इसके अलावा कोई नहीं जानता था कि भारत इतनी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है । 22 फरवरी से ही पाकिस्तान को भ्रम में डालना शुरू कर दिया गया था । 25 फरवरी को सेना को खुफिया जानकारी मिली की बालाकोट कैंप में बड़ी संख्या में जैश के आतंकी मौजूद हैं, इस जानकारी के बाद ही तुरंत हमले का निर्णय ले लिया गया । प्रधानमंत्री ने इसके लिए सेना को पूरी छूट दे दी थी ।
रात भर जागेते रहे पीएम
पीएम का इतना टाइट शिड्यूल होने के बाद भी वो पूरी रात जागते रहे । भारत की ओर से पाक सीमा में घुसकर होने वाली इस कार्रवाई की मॉनिटरिंग करते रहे । डोभाल, वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ और रॉ और आईबी के प्रमुख भी पल – वल की खबर लेते रहे । सेना प्रमुख बिपिन रावत और नौसेना प्रमुख सुनील लांबा भी मिशन पर नजर बनाए हुए थे । भारत पूरी तरह तैयार था कि अगर कोई जवाबी कार्रवाई होती है तो उसका हर तरह से जवाब दिया जा सके । आपको बता दें इस अभियान में इंडियन एयरफोर्स के 12 मिराज 2000 ने पाक सीमा पार कर करीब 80 किमी. अंदर जाकर जैश के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया । हालांकि पाक सेना ऐसे किसी नुकसान से इनकार कर रही है ।