इमरान खान की पार्टी ने किया हिंदी में ट्वीट, कविराज कुमार विश्‍वास ने लगा दी भाषा की क्‍लास

इमरान की पार्टी की ओर से जो ट्वीट किया गया उसमें कहा गया कि वो खुद को नोबेल शांति पुरस्‍कार के लायक नहीं समझते, बल्कि इसे उसे दिया जाए जो कश्‍मीर समस्‍या का हल कर सके ।

New Delhi, Mar 05 : पाकिस्तान पर भारत की एयरस्‍ट्राइक और इसके बाद इमरान खान के शांति दूत वाले नकली चेहरे के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर उन्‍हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है । इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी यानी कि PTI ने सोमवार को एक ऐसा ट्वीट भी कर दिया जिसके बाद इमरान खान एक बार फिर भारतीयों के निशाने पर आ गए । क्‍या है पूरी खबर आगे पढ़ें और खुद जानें कितना असर हुआ है इमरान खान पर भारत के इस हमले का ।

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शुद्ध हिंदी में आया ट्वीट
दरअसल प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा नोबेल शांति पुरस्कार पर दिए गए बयान को उनकी पार्टी के   ऑफीशियल ट्विटर हैंडर से शुद्ध हिंदी में ट्वीट किया गया । बस फिर क्‍या था, हिंदी भारत की भाषा है और इसका पाकिस्‍तानी पार्टी द्वारा इस्‍तेमाल किया जाना वो भी खास इमरान खान के भाषण के लिए, ट्विटर पर उन्‍हें ट्रोल करने वालों के लिए काफी था । इमरान की पार्टी की ओर से जो ट्वीट किया गया उसमें कहा गया कि वो खुद को नोबेल शांति पुरस्‍कार के लायक नहीं समझते, बल्कि इसे उसे दिया जाए जो कश्‍मीर समस्‍या का हल कर सके ।

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कुमार विश्‍वास ने ली चुटकी
एक तो इमरान खान का ये ढोंगी बयान कि शांति पुरुस्‍कार के लायक नहीं, ऊपर से ट्वीट का हिंदी में होना । कविराज कुमार विश्‍वास ने इमरान के इस ट्वीट का ऐसा अभिनंदन किया कि वो भी याद ही रखेंगे । कुमार विश्‍वास ने इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा ‘भारत ने हिंदी कर दी इनकी’ । जाहिर है इमरान खान हिंदी में ट्वीट कर सभी भारतीयों तक अपनी बात पहुंचाना चाहते थे, लेकिन उनकी ये मंशा कामयाब नहीं हो पाई ।

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पाकिस्‍तान असेंबली में पास हुआ प्रस्‍ताव
गौरतलब है कि 2 मार्च को ही पाकिस्तान की नेशनल एसेम्बली के सचिवालय को एक प्रस्ताव सौंपा गया था, जिसमें भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को रिहा करने के खान के फैसले से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने की बात कही गई थी । प्रस्ताव में कहा गया कि क्‍योंकि इमरान खान ने वर्तमान तनाव में जिम्मेदारी से काम किया , इसलिए वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं । बहरहाल पाकिस्‍तान के इस प्रस्‍ताव ने देश की खुद में ही जग हंसाई कर दी ।

ट्वीट पर ऐसे ऐसे कमेंट
बहरहाल पाकिस्‍तानी पार्टी के हिंदी में ट्वीट पर कुमार विश्‍वास ने ही नहीं कई अन्‍य लोगों ने भी निशाने पर लिया । एक यूजर ने लिखा – मुज़्ज़फराबाद में बम गिरते ही उर्दू से शुद्ध हिंदी बोलने लगे, अगर @narendramodi जी ने एकाध बॉम्ब लाहौर में गिरवा दिया तो बाखुदा सारे पाकिस्तानी संस्कृत बोलते नजर आएंगे । एक अन्‍य यूजर ने लिखा – पाकिस्तानी भी हिंदी में लिख रहे हैं ये है मोदी राज । वहीं एक अन्‍य यूजर ने लिखा – यही है अच्छे दिन, पाकिस्तान जो हिंदी से घृणा रखता है आज हिंदी में ट्वीट पेलने पर मजबूर हुआ 😂 आप किसी ने ये कभी सपने में भी नही सोचा होगा के ये भी देख पाएंगे। मित्रो, ये मोदीजी का डर है और ये रहना भी चाहिए। मोदी है तो मुमकिन है । वहीं एक अन्‍य यूजर ने इमरान खान को ही नसीहत देते हुए लिखा – नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य वह व्यक्ति होगा जो बलूचिस्तान को आजाद कर दे, pok वापस कर दे, भारत, अफगानिस्तान समेत दुनिया में आतंवादियों को भेजना और समर्थन करना बंद कर दे, दक्षिण एशिया ही नहीं दुनिया में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त करें । यह आप कर सकते हैं आपके हाँथ में है ।