अल्‍का लांबा का इंटरव्‍यू, अरविंद केजरीवाल को लेकर खोले बड़े राज, दे दी अंदर की खबर

चांदनी चौक विधानसभा से आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा अब कांग्रेस में जाने का मन बना चुकी हैं । विधायक ने द प्रिंट को दिए इंटरव्‍यू में पार्टी और केजरीवाल को लेकर बड़ी बातें कहीं ।

New Delhi, Mar 22 : आम आदमी पार्टी से लगभग बाहर हो चुकीं अलका लांबा ने कांग्रेस में जाने का मन बना लिया । कांग्रेस भी अलका की घर वापसी को बेकरार है । लगभग 20 साल तक कांग्रेस में काम चुकीं अलका लांबा अन्‍ना आंदोलन के बाद से अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़ गई थीं । केजरीवाल ने पार्टी बनाई तो अल्‍का भी केजरीवाल की मजबूत सिपाही बनकर उभरीं । उन्‍हें चांदनी चौक विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला और लांबा ने जीत भी दर्ज की । लेकिन पिछले कुछ समय से पार्टी के साथ उनका तनाव जगजाहिर हो चुका है । अलका लांबा ने अपने दिल की बात दि प्रिंट को दिए इंटरव्‍यू में सामने रखी ।

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पार्टी नेतृत्‍व से कोई संपर्क नहीं
इस इंटरव्‍यू में अल्‍का लांबा ने बताया कि लंबे समय से वो पार्टी के किसी भी सीनियर ली‍डरशिप सेकिसी तरह के संपर्क में नही हैं । वो पार्टी की किसी भी गतिविधि, मीटिंग, कार्यक्रम का हिस्‍सा नहीं हैं । अलका ने बताया कि हाल ही में उनकी चांदनी चौक विधानसभा में मुख्‍यमंत्री का कार्यक्रम आयोजित किया गया, लेकिन वो उस आयोजन का हिस्‍सा नहीं बनीं । अलका ने कहा कि उनकी विधानसभा में आने के बावजूद उनको ना बुलाना ये साबित करता है कि पार्टी को अब उनकी जरूरत नहीं है ।

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पार्टी के अंदर लोकतंत्र खत्‍म
आम आदमी पार्टी के मौजूद हालात पर पूछे गए सवाल में अलका लांबा ने कहा कि अरविंदकेजरीवाल की आम आदमी पार्टी में कभी लोकतंत्र हुआ करता था । एक समय था जब महत्‍वपूर्ण विषयों पर सभी विधायकों, कार्यकर्ताओं से राय ली जाती थी । लेकिन अब ऐसा नहीं है । पार्टी शीर्ष जो भी फैसला लेते हैं उसके बारे में कोई विचार विमर्श नहीं किया जाता । अलका लांबा ने कहा ना तो पार्टी ने इस बार चुनावी मुद्दों पर चर्चा की ना ही उम्‍मीदवारों के नाम पर ही कुछ विचार किया गया, यहां तक कि कांग्रेस से गठबंधन को लेकर भी सहमति बनाने की जरूरत नहीं समझी गई ।

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पार्टी में कन्‍फ्यूजन
अलका लांबा से जब आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर चली खींचतान पर सवाल पूछा गया तो उन्‍होने कहा कि पार्टी कन्‍फ्यूजन की स्थिति में हैं । गठबंधन के लिए शुरुआत आम आदमी पार्टी की ओर से की गई । कांग्रेस के सीनियर लीडर गठबंधन के फेवर में हैं कांग्रेस के वो नेता जो सिर्फ दिल्‍ली तक सीमित है वो इसके लिए तेयार नहीं । कांग्रेस फिलहाल अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने में खुद को सक्षम समझ रही है । जबकि अरविंद केजरीवाल लगातार कांग्रेस के सामने गिडगिड़ाते पाए गए । अल्‍का ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के इस कदम ने उन्‍हें कमजोर नेता के रूप में पेश किया है ।

अरविंद केजरीवाल को भाषा का संयम नहीं
अलका लांबा ने इस इंटरव्‍यू में अरविंद केजरीवाल के गुस्‍सैल रवैये और अभद्र भाषा के प्रयोग का राज भी खोला । अलका लांबा ने कहा कि क्‍योंकि केजरीवाल एक मंझे हुए नेता नहीं है इसलिए वो कई बार अपनी भावनाओं पर काबू नहीं पा पाते । उनके घर हुई पार्टी मीटिग्‍ंस में कई बार उन्‍होने विधायकों के लिए अुच्‍चे और गधे जैसे शब्‍दों का प्रयोग किया है । कई बार महिला विधायकों के लिए अभद्र टिप्‍पणी की हैं । अलका लांबा ने कहा कि केजरीवाल में धैर्य की कमी है । उन्‍हें संयम रखना चाहिए ।