मोदी जी की सेना कहकर फंस गए थे योगी आदित्‍यनाथ, EC को दिया ऐसा जवाब कि मिल गई क्‍लीनचिट

चुनाव आयोग ने सीएम योगी आदित्यनाथ के इस स्पष्टीकरण पर असंतोष जताया, उन्‍होने कहा कि भविष्य में सेना से जुड़े संदर्भों का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए प्रयोग न करें।

New Delhi, Apr 06 : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले दिनों अपने भाषण के दौरान भारतीय सेना को ‘मोदी जी की सेना’ कह गए । अति उत्‍साह में वो सेना को भी राजनीति के रण में उतार ले आए । विरोधियों के कान में जब ये शब्‍द पहुंचे तो वो इस मौके को कहां छोड़ते । जमकर विरोध हुआ, मसला चुनाव आयोग तक भी पहुंचा । सेना को राजनीतिक फायदे के लिए इस्‍तेमाल करने के आरोप तो केन्‍द्र की मोदी सरकार झेल ही रही है अब भाषणों में भी इसका इस्‍तेमाल, भला कैसे होने दिया जाता । लिहाजा मामला चुनाव आयोग जा पहुंचा ।

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चुनाव आयोग ने दी सतर्क रहने की सलाह
चुनाव आयोग की ओर से योगी आदित्‍यनाथ को नोटिस भेजकर मामले में जवाब देने को कहा गया । योगी ने भी जवाब लिख भेजा कि उनके कहने का तरीका बहुत ही सहज था, इसमें उनकी कोई राजनीतिक फायदा उठाने की मंशा नहीं थी । चुनाव आयोग ने सीएम योगी आदित्यनाथ के इस स्पष्टीकरण पर असंतोष जताया, उन्‍होने कहा कि भविष्य में सेना से जुड़े संदर्भों का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए प्रयोग न करें।

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गाजियाबाद में दिया था भाषण
आपको बता दें सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने गाजियाबाद में एक चुनावी रैली के दौरान भारतीय सेनाके लिए मोदी जी की सेना का संबोधन किया था । इस संबंध में मजिस्ट्रेट की भेजी वीडियो क्लिपिंग का संज्ञान लेकर चुनाव आयोग ने इसे राजनीतिक प्रचार अभियान के दौरान सेना को दूर रखने की अपनी सलाह का उल्‍लंघन बताते हुए नोटिस जारी किया था । मुख्यमंत्री ने इस नोटिस का जवाब 3 अप्रैल को दिया और बयान के बारे में सफाई पेश की ।

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योगी आदित्‍यनाथ का जवाब
उत्‍तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्‍यनाथ ने जवाब देते हुए कहा – आम जन के संबोधन और सरल भाषा में हमारी सेना कह जाता है। इसी संदर्भ में मोदी जी की सेना का प्रयोग किया गया। नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और उन्होंने ही भारतीय सेना को परिस्थितियों के अनुरूप प्रतिकार के लिए छूट प्रदान की गई। योगी आदित्यनाथ ने अपने सफाई पत्र में ये भी लिखा कि उनके भाषण को पूरा सुना जाए । चुनाव आयोग के निर्देशों का कहीं से कोई उल्लंघन नहीं हुआ है । योगी ने कहा कि जिन लोगों ने इस बात को मुद्दा बनाया है उन्हें आम बोलचाल की भाषा की समझ नहीं है। अगर समझ होती तो उन्हें गर्व होता और वह भारतीय सेना के अभूतपूर्व पराक्रम पर प्रश्नचिह्न लगाकर सेना को विवाद का विषय न बनाते।

रक्षा मंत्रालय ने भी जताई थी आपत्ति
चुनाव आयोग की ओर से योगी को नोटिस जारी कर 5 अप्रैल तक गाजियाबाद रैली में की गई टिप्पणी पर जवाब मांगा गया था । मामले में रक्षा मंत्रालय ने भी संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग में आपत्ति दर्ज कराई थी । जिसमें कहा गया था कि राजनीतिक दलों और नेताओं की ओर से रक्षा कर्मियों की तस्वीरें उनके चुनाव प्रचार के हिस्से के रूप में विज्ञापनों में इस्तेमाल की जा रही हैं । इस संबंध में चुनाव आयोग उचित दिशा निर्देश जारी करे । योगी के इस बयान को लेकर विपक्षी दलों ने भी आपत्ति जताई थी । सेना के पूर्व अधिकारियों ने भी योगी के इस बयान को लेकर उनकी आलोचना की थी ।