बीजेपी के इंटरनल सर्वे से चढा सियासी पारा, इंद्रप्रस्थ फतह के लिये तैयार है पूरा प्लान

बीजेपी ये मानकर चल रही है कि एक बार फिर दिल्ली की सातों सीटें उनके खाते में आ सकती है, लेकिन फाइट कितनी तगड़ी होगी, हार-जीत का अंतर कितना रहेगा, इस पर विमर्श जारी है।

New Delhi, Apr 10 : दिल्ली में सातों लोकसभा सीटें जीतने के लिये बीजेपी को क्या-क्या करना चाहिये, इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिये बीजेपी ने पिछले दिनों एक इंटरनल सर्वे कराया था, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में राष्ट्रवाद का मसला बीजेपी के लिये सबसे अहम रहेगा, इसके साथ ही उम्मीदवारों के चयन पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा, इसके साथ ही ये भी कहा गया है कि हर सीट पर सामाजिक और जातिगत समीकरण भी काफी महत्वपूर्ण होंगे।

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सातों सीटों पर नजर
भारतीय जनता पार्टी ये मानकर चल रही है कि एक बार फिर दिल्ली की सातों सीटें उनके खाते में आ सकती है, लेकिन फाइट कितनी तगड़ी होगी, हार-जीत का अंतर कितना रहेगा, ये उम्मीदवारों के चयन पर निर्भर कर सकता है, बीजेपी सूत्रों ने कहा कि दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच चल रही गठबंधन की बात पर राष्ट्रीय नेतृत्व की पैनी नजर है, इसी वजह से बीजेपी अभी तक उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं कर रही है।

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राष्ट्रवाद का मुद्दा
बीजेपी के करीबी सूत्रों का दावा है कि दिल्ली में चुनाव किन मुद्दों पर लड़ना है, वर्तमान सांसदों की जनता के बीच कितनी स्वीकार्यता है, इसे लेकर सर्वे कराया गया है, जिसमें पता चला है कि बीजेपी अगर राष्ट्रवाद के मसले को आगे रखते हुए चुनावी मैदान में उतरती है, तो फिर एक बार 2014 जैसा माहौल हो सकता है, स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ने पर बीजेपी को नुकसान हो सकता है, इसलिये बीजेपी दिल्ली में राष्ट्रवाद को प्राथमिकता दे रही है।

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उम्मीदवार बदलने के संकेत
भारतीय जनता पार्टी ने अपने इंटरनल सर्वे में लोगों से ये भी सवाल पूछा था कि क्या पार्टी को अपने उम्मीदवार बदलने चाबिये, इस सर्वे के नतीजों से ये स्पष्ट है कि मौजूदा सांसदों के मुकाबले नये चेहरे उतारने पर पार्टी को ज्यादा फायदा होगा, इसलिये बीजेपी दो से तीन सांसदों के टिकट काटकर नये चेहरों को मौका दे सकती है, कहा जा रहा है कि गौतम गंभीर और विजय गोयल के नाम पर भी चर्चा हो रही है।