सियासत में शिवपाल यादव ने की ससुर धर्म निभाने की कोशिश, मतदान से पहले ही बड़ा खेल

भतीजे अखिलेश यादव से मतभेद और सपा से मोहभंग होने के बाद शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया।

New Delhi, Apr 11 : मुलायम परिवार में धीरे-धीरे फिर से सबकुछ ठीक होता दिख रहा है, दरअसल शिवपाल यादव ने ससुर धर्म निभाते हुए कन्नौज से प्रत्याशी वापस ले लिया है। आपको बता दें कि कन्नौज सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल चुनावी मैदान में हैं, यहां से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने सुनील सिंह राठौर को प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन उन्होने नामांकन से पहले ही मैदान छोड़ दिया, मंगलवार को नामांकन की आखिरी तारीख थी, लेकिन उन्होने नामांकन दाखिल नहीं किया।

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किसको समर्थन
कन्नौज लोकसभा सीट पर शिवपाल यादव की पार्टी का कोई प्रत्याशी नहीं है, हालांकि उन्होने अभी तक ये ऐलान नहीं किया है कि किसे समर्थन करेंगे, लेकिन माना जा रहा है कि सियासत में शिवपाल यादव ने ससुर धर्म निभाते हुए ये फैसला लिया है, उनके इशारे पर ही प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया।

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सपा छोड़ अलग पार्टी
आपको बता दें कि भतीजे अखिलेश यादव से मतभेद और सपा से मोहभंग होने के बाद शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया, लेकिन उन्होने पहले ही ऐलान किया था कि अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मैनपुरी से वो प्रत्याशी नहीं उतारेंगे, इसके साथ ही अब कन्नौज से भी उनके प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया।

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फिरोजाबाद बुला लिया
नामांकन के आखिरी दिन सुबह से ही चर्चा शुरु हो गई थी, कि कन्नौज में प्रसपा का प्रत्याशी नहीं उतरेगा, जब सुनील सिंह राठौर से फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव ने फिरोजाबाद बुला लिया था, इसी वजह से वो नामांकन करने नहीं पहुंचे।

नामांकन दाखिल नहीं करेंगे
सुनील सिंह राठोर ने कहा कि कन्नौज से उन्हें नामांकन दाखिल नहीं करने को कहा गया है, इसलिये वो नामांकन दाखिल नहीं करेंगे, जानकारों का कहना है कि शिवपाल यादव की लड़ाई सीधे रामगोपाल यादव के साथ है, इसी वजह से उन्होने कन्नौज से उम्मीदवार वापस ले लिया है, जबकि फिरोजाबाद से खुद रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय के खिलाफ चुनावी ताल ठोंक रहे हैं।