भारत में फिर से बने मोदी सरकार, इमरान खान के इस बयान के पीछे की सच्चाई अब आई सामने, उड़ेंगे सबके होश

इमरान के इस बयान के साथ ही नई बहस छिड़ गई कि आखिर इमरान खान को मोदी से अचानक इतनी मोहब्‍बत कैसे हो गई ।

New Delhi, Apr 12 : भारत में नई सरकार के लिए चुनाव चल रहे हैं । 11 अप्रैल से लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की शुरुआत हो चुकी है । 19 मई को आखिरी चरण के मतदान के बाद 23 मई को साफ हो जाएगा कि देश में कौन सी सरकार बन रही है । इस चुनावी महमागहमी के माहौल में एक संदेशा आया है पाकिसतान से । पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान ने भारत में नई सरकार किसकी बने इसे लेकर अपनी मजबूत राय दी है ।

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पाक प्रधानमंत्री का बयान
पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत में फिर से मोदी सरकार बनने की बात कही है । नरेंद्र मोदी के दोबारा भारत के प्रधानमंत्री बनने पर ही पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधरने का बयान देकर पाक पीएम इमरान खान ने दोनों देशों के आम लोगों को दंग कर दिया । इमरान के इस बयान के साथ ही नई बहस छिड़ गई कि आखिर इमरान खान को मोदी से अचानक इतनी मोहब्‍बत कैसे हो गई । इसी मोदी सरकार को इमरान खान और उनकी सरकार पिछले कुछ समय से लगातार कोस रही है ।  बहरहाल इमरान के इस बयान के पीछे उनकी असली मंशा राजनीति के धुरंधर बखूबी जानते हैं ।

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पाकिस्तान की असल मंशा
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार इमरान खान भारत में पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में एयर स्ट्राइक की अनुमति देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधकर पाकिस्तान के प्रति पश्चिमी देशों के रुख में नरमी लाने की कोशिश कर रहे हैं । हालांकि इमरान के बयान के बाद भारत में उथल पुथल मच गई, विपक्षी दलों ने पीएम मोदी को जमकर घेरना शुरू कर दिया । इमरान खान के इस बयान के पीछे पाकिस्‍तान के ताजा आर्थिक हालात भी है ।

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आर्थिक हालातों को पटरी पर लाने की कोशिश
इमरान सरकार के सामने इस वक्‍त सबसे बड़ी चुनौती है इकॉनमी को पटरी पर लाना । पाकिस्तान की हालत इतनी खराब है कि उसे फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है । वहीं खबरें आ रही हैं कि अमेरिकी सांसदों के विरोध के कारण पाकिस्तान को इंटरनैशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से राहत पैकेज मिलना भी मुश्किल है। अब ऐसी विकट परिस्थितियों से घिरे पाकिस्‍तान को पड़ोसी मुल्‍कों पर ही भरोसा बाकी रह गया है । भारत में पीएम मोदी का समर्थन कर वह ना सिर्फ भारत बल्कि पश्चिमी देशों और बड़ी शक्तियों के बीच अपनी छवि सुधार सकता है ।

पाकिस्‍तान में घनघोर आर्थिक संकट, चीन की मदद भी नाकाफी
पाकिस्तान अभी तक देश में आए आर्थिक संकट का मुकाबला खाड़ी देशों से वित्तीय मदद के सहारे करता रहा है । लेकिन ये मदद अब नाकाफी साबित हो रही है । पाकिस्‍तान को अब पश्चिमी देशों से मदद की आवश्‍यकता है, जिसके लिए भारत से संबंध बेहतर रखने आवश्‍यक है । पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था चरमरा रही है । फरवरी में पाकिस्तान का फॉरन एक्सचेंज रिजर्व 8 अरब डॉलर से कुछ अधिक था, जो महज 2 महीने के इम्पोर्ट के लिए ही पर्याप्त है। 2 वर्षों में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया भी 40 पर्सेंट गिर चुका है । पाकिस्तान में महंगाई दर 7.6 पर्सेंट रहने का अनुमान है। जानकार मानते हैं कि इमरान के आने के बाद से देश के हालात बदतर हो रहे हैं ।