विपक्ष ने उठाये ईवीएम पर सवाल, बटन कहीं भी दबाने पर मिल रहा एक ही पार्टी को वोट, कोर्ट जाने का फैसला

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग को चुनावी प्रक्रिया में काफी बदलाव की जरुरत है। पहले चरण के मतदान के बाद सवाल उठ रहे हैं।

New Delhi, Apr 14 : लोकसभा चुनाव के लिये पहले चरण का मतदान हो चुका है, चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट की विश्वसनीयता एक बार फिर सवालों के घेरे में है, ईवीएम और वीवीपैट में टैम्परिंग के मुद्दे पर रविवार को विपक्षी दलों ने मीटिंग की, जिसके बाद सभी दलों ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ले जाने का फैसला लिया है। बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अब ईवीएम से छेड़छाड़ और खराबी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

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कोर्ट जाने का फैसला
चर्चित वकील और कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष इस मामले में जरुरी कानूनी कदम उठाएगी, विपक्ष के बाकी दलों के नेता भी इसे जमीनी स्तर पर लोगों के बीच ले जाएंगे। सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग ने काहा कि अगर वीवीपैट स्लिप्स का ईवीएम से मिलान किया जाता है, तो नतीजे आने में पांच दिन देर हो जाएगा, जिस पर हमने चुनाव आयोग से गुजारिश की, कि वो अपनी टीम के सदस्यों की संख्या बढाए, ताकि गिनती और मिलना का समय पर पूरा किया जा सके।

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बदलाव की जरुरत
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग को चुनावी प्रक्रिया में काफी बदलाव की जरुरत है। पहले चरण के मतदान के बाद सवाल उठ रहे हैं, हमें नहीं लगता कि इलेक्शन कमीशन इस पर पर्याप्त ध्यान दे रहा है, अगर कोई मतदाता एक्स पार्टी को वोट दे रहा है, तो वोट वाई पार्टी को जा रहा है, वीवीपैट भी 7 सेकेंड की जगह सिर्फ तीन सेकेंड ही दिखता है।

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वोटरों ने नाम कटे
इसके साथ ही विपक्ष का ये भी आरोप है कि लाखों मतदाताओं के नाम बिना किसी जांच-पड़ताल के ही ऑनलाइन हटा दिया गया, इलेक्शन कमीशन को राजनीतिक दलों ने लंबी सूची सौंपी है, अब ये जरुरी हो गया है कि कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान किया जाए, हम इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

चंद्रबाबू नायडू भी थे शामिल
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम ईवीएम के मसले को कोर्ट लेकर जाएंगे, बहुत कम देश ईवीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं, चुनाव आयोग को भी इसके विकल्प देखने चाहिये, नायडू ने ये भी कहा कि आंध्र प्रदेश के चुनाव पूरे हो चुके हैं, अब देश के चुनावों में पारदर्शिता के लिये लड़ रहा हूं, वीवीपैट पर इतने पैसे क्यों खर्च किये जा रहे हैं, जब उन्हें गिना ही नहीं जाएगा।