इस्‍तीफा देकर प्रियंका चतुर्वेदी ने थामा भगवा झंडा, पत्र लिखकर राहुल गांधी को दिया था झटका

मैंने लौटने का मन बनाया तो इस संगठन के अलावा कोई और संगठन ध्यान में नहीं आया । प्रियंका चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्‍होने बहुत ही भारी मन से कांग्रेस छोड़ी है ।

New Delhi, Apr 19 : कांग्रेस की प्रवक्ता रहीं प्रियंका चतुर्वेदी ने आज ही कांग्रेस पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया । उनका अगला कदम इतना तेज होगा इसके बारे में शायद ही किसी ने अंदाजा लगाया हो । प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस से इस्‍तीफा देकर शिवसेना में शामिल हो गई हैं । प्रियंका ने कुछ देर पहले ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना ज्वाइन की । प्रियंका को फूलों का गुलदस्‍ता देकर आदित्‍य ठाकरे ने उनका पार्टी में स्‍वागत किया ।

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मुंबई से वापस जुड़ना चाहती हूं – प्रियंका
शिवसेना में शामिल होते हुए प्रियंका ने कहा कि वो मुंबई में ही पली बढ़ी हूं । पिछले कुछ दिनों सेमुंबई से कट गई थी, लेकिन अब मैं वापस यहां जुड़ना चाहती हूं । मैंने लौटने का मन बनाया तो इस संगठन के अलावा कोई और संगठन ध्यान में नहीं आया । प्रियंका चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्‍होने बहुत ही भारी मन से कांग्रेस छोड़ी है ।

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शिवसेना में शामिल होने के बाद ये बोलीं प्रियंका चतुर्वेदी
प्रियंका ने मीडिया से बातचीत में अपने साथ हुई अभद्रता का जिक्र किया और कहा कि मुझे दुख इस बात का है कि आरोपियों को दोबारा वापस बुला लिया गया ।  मैंने कांग्रेस को 10 साल दिये ।  मैंने सब सोच-समझकर ही शिवसेना से जुड़ने का मन बनाया है । जहां भी पार्टी को मजबूत कर सकती हूं, वहां काम करूंगी । उन्‍होने जय महाराष्‍ट्र के साथ जय शिवसेना का नारा दिया ।

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राहुल गांधी को पत्र लिखकर इस्‍तीफा
आज सुबह ही प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्‍तीफा देते हुए राहुल गांधी को पत्र लिखा । उन्‍होने कहा कि वो भारी मन से इस्‍तीफा दे रही हैं । उन्होंने लिखा, ‘पिछले कुछ दिनों में हुए कुछ खास घटनाओं ने पूरा भरोसा दिला दिया कि संगठन में मेरी सेवाओं का संगठन में कोई मूल्य नहीं है. अब लगता है, जितना समय पार्टी में बिताऊंगी, मेरे आत्मसम्मान की कीमत पर होगा । दुःख इस बात का है, महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तीकरण की जिस बात का पार्टी प्रचार करती है, और आप खुद आह्वान करते हैं, वैसा पार्टी के कुछ सदस्यों के व्यवहार में नज़र नहीं आता ।’

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