लोकसभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू को सबक सिखाना चाहती है बीजेपी, बनाया जा रहा है खास प्लान
नवजोत सिंह सिद्धू को बीजेपी ने पहली बार 2004 में अमृतसर से लड़ाया था, वो जीते, फिर 2007 उपचुनाव में जीते, 2009 लोकसभा चुनाव में फिर जीते, हालांकि बीजेपी ने 2014 में अमृतसर से उनका टिकट काट दिया।
New Delhi, Apr 21 : लोकसभा चुनाव में बीजेपी नवजोत सिंह सिद्धू को सबक सिखाना चाहती है, इसके लिये पार्टी की ओर से बेहद सख्त रणनीति तैयार की जा रही है, बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले सिद्धू पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर प्रहार कर रहे हैं, बीजेपी एक ऐसे उम्मीदवार की तलाश में है, जो अमृतसर से चुनाव जीतने के साथ ही उन्हें उनकी ही शैली में जवाब भी दे सके, हालांकि पंजाब में बीजेपी की स्थिति कुछ खास नहीं है, लेकिन अमित शाह इस बार अमृतसर को लेकर खास प्लान तैयार कर रहे हैं।
सनी देओल के साथ बैठक
आपको बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव के बिजी शेड्यूल में से सनी देओल से मुलाकात के लिये समय निकाला, पहले कहा जा रहा था कि बीजेपी सनी देओल को गुरदासपुर या लुधियाना से चुनाव लड़ा सकती है, लेकिन अब कहा जा रहा है कि उन्हें अमृतसर सीट से मैदान में उतारने की तैयारी है, आपको बता दें कि सनी देओल जट सिख हैं, इस संसदीय क्षेत्र में करीब 52 फीसदी सिख वोटर हैं, जिसमें से ज्यादातर जट सिख हैं।
अमृतसर से ही विधायक हैं सिद्धू
मालूम हो कि बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले सिद्धू अमृतसर अंतर्गत विधानसभा से विधायक हैं, पहले उस सीट से उनकी पत्नी चुनाव लड़ती थी, अब बीजेपी ऐसे उम्मीदवार की तलाश कर रही है, जो सिद्धू को उनके घर में हराये, इसलिये वो कई नामों पर विचार कर रहे हैं।
सिद्धू तीन बार रहे सांसद
नवजोत सिंह सिद्धू को बीजेपी ने पहली बार 2004 में अमृतसर से लड़ाया था, वो जीते, फिर 2007 उपचुनाव में जीते, 2009 लोकसभा चुनाव में फिर जीते, हालांकि बीजेपी ने 2014 में अमृतसर से उनका टिकट काट दिया, और अरुण जेटली इस सीट से चुनाव लड़ने पहुंचे, जहां कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें हरा दिया, सिद्धू को अमृतसर से टिकट काटने के बाद पश्चिमी दिल्ली और कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया, हालांकि सिद्धू तैयार नहीं हुए, तो उन्हें राज्यसभा भेज दिया गया।
राज्यसभा से इस्तीफा
आपको बता दें कि सिद्धू बीजेपी में रहते हुए अकाली दल और बादल परिवार के खिलाफ जमकर हमले बोलते थे, कहा जाता है कि बादल के कहने पर ही सिद्धू का टिकट कटा, बाद में राज्यसभा से इस्तीफा देकर सिद्धू ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली, और चुनाव बाद कैप्टन सरकार में मंत्री बन गये, इन दिनों सिद्धू खुलकर मोदी सरकार और बीजेपी पर प्रहार कर रहे हैं, अब बीजेपी भी उन्हें सबक सिखाने के लिये रणनीति तैयार कर रही है।