मनोज तिवारी पर केजरीवाल का बेहूदा बयान, विश्‍वास ने ले ली सार्वजनिक क्‍लास, तिवारी का भी तमाचा

एक दूसरे के लिए अभद्र शब्‍दों का प्रयोग करना नेताओं की आदत बन चुका है । बीजेपी उम्‍मीदार और दिल्‍ली बीजेपी के अध्‍यक्ष मनोज तिवारी को लेकर केजरीवाल ने फिर से विवदित बयान दिया है ।

New Delhi, May 04 : लोकसभा चुनाव का दौर जारी है । नेता चुनाव प्रचार में व्‍यस्‍त हैं । रैली, जनसभाएं कर लोगों को जुटाया जा रहा है और अपने-अपने पाले में वोट करने की भरसक कोशिशें जारी हैं । चुनावों के इस दौर में बदजुबानी भी कम नहीं है । एक दूसरे के लिए अभद्र शब्‍दों का प्रयोग करना नेताओं की आदत बन चुका है और अरविंद केजरीवाल उसमें टॉप कर चुके हैं । बीजेपी उम्‍मीदार और दिल्‍ली बीजेपी के अध्‍यक्ष मनोज तिवारी को लेकर केजरीवाल ने फिर से विवदित बयान दिया है ।

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मनोज तिवारी को कहा ‘नाचनेवाला’
अरविंद केजरीवाल ने एक चुनावी जनसभा में दिलीप पांडे के लिए वोट मांगे और मनोज तिवारी के लिए अपशब्‍दों का प्रयोग किया । केजरीवाल ने मनोज तिवारी को ‘नाचने वाला’ बताया । उन्‍होने कहा कि उनके कैंउिडेट को नाचना नहीं आता लेकिन काम करना आता है । इसलिए वोट काम करने वाले को देना, नाचने वाले को नहीं । केजरीवाल नॉर्थ ईस्ट दिल्‍ली में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे । इस सीट पर बीजेपी के मनोज तिवारी, आप से दिलीप पांडे और कांग्रेस से शीला दीक्षित की टक्‍कर है ।

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मनोज तिवारी का पलटवार
केजरीवाल ने मनोज तिवारी को ‘नाचनेवाला’ कहा तो भला मामला कैसे तूल ना पकड़ता । मनोज तिवारी ने भी इसपर पलटवार किया है और इस बयान को पूरे पूर्वांचल का अपमान बताया है । तिवारी ने कहा, ‘मुझे गाली देकर उन्होंने सीधा पूर्वांचल के लोगों का अपमान किया है। अब वही

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लोग उन्हें इसका परिणाम बताएंगे।’

कुमार विश्‍वास ने दिखाया आईना
वहीं इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल की एक-एक गतिविधि पर पैनी नजर बनाए हुए कुमार विश्‍वास ने केजरीवाल के बयान पर जबरदस्‍त तंज कसा है । उनके बयान के बारे में कुछ सीधे तौर पर ना कहते हुए भी वो बहुत कुछ कह गए हैं । शब्‍दों के राजा, कविराज कुमार विश्‍वास ने लिखा है – सरस्वती की कृपा,कंठ पर विराजे तो मनुष्य “गाता” है ! असुरनाशक, तांडव-कर्ता शिव की कृपा शीष पर विराजे तो मनुष्य “नृत्य करता” है ! लोकमंगल-लोकरंजन के आदर्श भुवनमोहन कन्हैया की कृपा मन में उतरे तो मनुष्य “गायन” करता है । (इन सब की कृपा से हीन दुरात्मा केवल “भषण”(भौंकना) करता है)