फानी को लेकर फोन मिलाते रहे पीएम मोदी, ममता बनर्जी ने नहीं दिये जवाब, अब राजनीति शुरु

फानी तूफान गुजर जाने के बाद अब उस पर राजनीति शुरु हो गई है, टीएमसी ने दावा किया कि पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को फोन कर तूफान की जानकारी नहीं ली।

New Delhi, May 05 : फानी तूफान पश्चिम बंगाल और ओडिशा से भले ही गुजर चुका है, लेकिन सियासी गलियारों में इसका तूफान अभी भी जारी है, शनिवार को टीएमसी ने फानी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा, दोनों ओर से अपने-अपने दावों का दौर शुरु हुआ। दरअसल फानी तूफान आने के बाद जमीनी हालात की जानकारी लेने के लिये पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) की ओर से ओडिशा और कोलकाता के सीएम और राज्यपाल को फोन किया गया। हालांकि टीएमसी का आरोप है कि पीएमओ ने बंगाल में सिर्फ गवर्नर को फोन किया था, सीएम को नहीं, टीएमसी इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है।

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राजनीति शुरु
फानी तूफान गुजर जाने के बाद अब उस पर राजनीति शुरु हो गई है, टीएमसी ने दावा किया कि पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को फोन कर तूफान की जानकारी नहीं ली, पीएम ऑफिस ने टीएमसी के इस दावे को खारिज किया है, पीएमओ सूत्रों का दावा है कि सीएम ममता बनर्जी से बात करने की दो बार कोशिश की गई, लेकिन उन्होने कोई जवाब नहीं दिया।

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पीएमओ का दावा
सूत्रों के अनुसार पीएमओ स्टाफ ने दो बार पश्चिम बंगाल की सीएम से बात करनी चाही, दोनों ही बार कोई जवाब नहीं मिला, नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर बताया गया कि स्टाफ ने जब पहली बार फोन किया, तो ये जानकारी दी गई, कि ममता बनर्जी दौरे पर हैं, फिर कुछ देर बाद कॉल लिया, तो फिर वहीं जवाब दोहराया गया।

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पीएम ने की राज्यपाल से बात
पीटीआई के मुताबिक ममता बनर्जी से बात ना हो पाने के बाद पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल के गवर्नर केसरी नाथ त्रिपाठी से बात की, और हालात की जानकारी ली। इससे पहले टीएमसी ने फानी तूफान के कारण जमीनी हालात की जानकारी लेने के लिये सीएम के बजाय गवर्नर से बात करने के लिये पीएम मोदी की आलोचना की थी, टीएमसी ने आरोप लगाया कि मोदी देश के संघीय ढांचे का सम्मान नहीं करते हैं।

टीएमसी ने क्या कहा था ?
टीएमसी महसचिव पार्थ चटर्जी ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस को इस बात से कोई परेशानी नही है कि पीएम ने सीएम को फोन क्यों नहीं किया, लेकिन किसी भी विषम परिस्थिति में सिर्फ सीएम या राज्य सरकार के अधिकारी ही जमीनी सच्चाई से रुबरु करा सकते हैं, राज्यपाल को फोन करके उन्होने बीजेपी नेता की तरह काम किया है, ना कि देश के प्रधानमंत्री के रुप में, वो हमारे देश के जनादेश को कैसे खारिज कर सकते हैं, ममता बनर्जी चुनी हुई सीएम हैं, मोदी का फोन नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है।