हार से बौखलाये राहुल गांधी, वरिष्ठ नेताओं की ले ली क्लास, कहा इस वजह से हारे चुनाव

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार की जिम्मेदारी ली, उन्होने कहा कि वो अब अध्यक्ष पद पर बने नहीं रहना चाहते हैं।

New Delhi, May 26 : लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की है, हालांकि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया है, राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद से हटने का प्रस्ताव दिया, शनिवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राहुल ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर भी नाराजगी जाहिर की, उन्होने कहा कि कुछ नेताओं ने पार्टी हित से ऊपर निजी हित रखा।

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निजी हित पर जोर
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक बैठक में राहुल गांधी काफी गुस्से में दिखे, उन्होने पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि निजी हित साधने के चक्कर में लगे रहे, जिसकी वजह से पार्टी को नुकसान हुआ। आपको बता दें कि कांग्रेस हार के बाद मंथन कर रही है।

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स्थानीय नेताओं को तैयार किया जाए
रिपोर्ट के मुताबिक राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ नाराजगी ज्योतिरादित्य सिंधिया की उस टिप्पणी पर दिखाई, जिसमें उन्होने स्थानीय नेताओं को तैयार करने की बात कही थी, राहुल ने कहा कि पार्टी ने उन राज्यों में भी बहुत खराब प्रदर्शन किया, जहां उनकी सरकार थी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और एमपी के सीएम कमलनाथ अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिये जोर देते रहे, जबकि वो इसके पक्ष में बिल्कुल नहीं थे, राहुल गांधी ने इसी संदर्भ में पी चिदंबरम का भी नाम लिया।

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राहुल गांधी ने ली जिम्मेदारी
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार की जिम्मेदारी ली, उन्होने कहा कि वो अब अध्यक्ष पद पर बने नहीं रहना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी और विचारधारा के लिये काम करते रहेंगे, हालांकि मां सोनिया, प्रियंका गांधी और मनमोहन सिंह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें इस्तीफा देने से रोका।

इस्तीफा देने से रोका
सूत्रों का दावा है कि बैठक में कई नेताओं ने राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश को खारिज किया, कुछ तो भावुक हो गये, बैठक में शामिल एक नेता ने जानकारी दी, कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने तो यहां तक कह दिया, कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद छोड़ते हैं, तो दक्षिण भारत के कार्यकर्ता भावना में आकर कुछ भी कदम उठा सकते हैं, मालूम हो कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली, पार्टी सिर्फ 52 सीटों पर सिमट गई है।