‘चौकीदार’ प्रधानमंत्री की शपथ से पहले सुब्रमण्यम स्वामी का बड़ा बयान, नाम के आगे ये शब्द लगाने की इच्छा
“मैंने इस पार्टी (बीजेपी) के लिए सभी मामले लड़ते हुए बहुमंजिला इमारत खड़ी की है। मुझे इसके बाद भी कभी भी आलीशान अपार्टमेंट नहीं मिला।”-सुब्रमण्यम स्वामी
New Delhi, May 30 : राज्यसभा से बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी अकसर अपने बयानों से सभी को हैरान करते रहते हैं । कई बार उनके फैक्ट स्टेटमेंट संबंधित लोगों को अपने आंकड़े देखने पर मजबूर कर देते हैं । बहरहाल स्वामी एक बार फिर सुर्खियों में हैं, प्रधानमंत्री की शपथ से ठीक एक दिन पहले स्वामी ने एक ट्वीट से सबको पशोपेश में डाल दिया । उन्हेाने अपने नाम के आगे चौकीदार की जगह एक दूसरा ही शब्द लगाने की इच्छा जताई । हालांकि स्वामी ने इसके पीछे एक कारण भी दिया है ।
चौकीदार नहीं मजदूर !
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि वो चौकीदार की जगह अपने नाम के आगे मजदूर शब्द लगाना पसंद करेंगे । उन्होंने ट्वीट में लिखा – “चौकीदार के बजाय शायद मुझे अपने नाम के आगे मजदूर शब्द लगा लेना चाहिए, क्योंकि मैंने इस पार्टी (बीजेपी) के लिए सभी मामले लड़ते हुए बहुमंजिला इमारत खड़ी की है। मुझे इसके बाद भी कभी भी आलीशान अपार्टमेंट नहीं मिला।” स्वामी ने ट्वीट में श्रीकृरूण और अर्जुन का भी जिक्र किया है ।
स्वामी ने नहीं लगाया था ‘चौकीदार’ शब्द
सुब्रमण्यम स्वामी बीजेपी के एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा केचुनाव कैंपेन ‘मैं भी चौकीदार’ के दौरान अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द का प्रयोग नहीं किया था । स्वामी ने विवाद होने और उनसे इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर कहा था कि वो अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द नहीं लगा सकते, क्योंकि वो ब्राह्मण हैं । बहरहाल स्वामी के इस तर्क का पार वो ही समझे ।
2013 से बीजेपी के साथ हैं स्वामी
राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी साल 2013 से बीजेपी के साथ हैं । स्वामी अकसर ही सुर्खियों में रहते हैं, नेहरू गांधी परिवार की कलई खोलने में स्वामी का कोई सानी नहीं । इसके अलावा कांग्रेस को किसी भी मुद्दे पर घेरना हो या अपनी ही पार्टी में किसी नेता के भ्रष्टाचार पर बोलना, सुब्रमण्यम स्वामी खुलकर बात करते हैं । पार्टी लाइन से इतर बयानबाजी उनकी खास बात रही है । बहरहाल, स्वमी का ताजा ट्वीट बयान कर रहा है कि वो मोदी से कुछ खफा हैं । आपको बता दें 2014 में भी खबर थी कि स्वामी ने सरकार में वित्त मंत्री बनने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उन्हें मोदी कैबिनेट से दूर ही रखा गया ।
May be instead of Chowkidar I should affix Mazdoor because I construct a multi-storied building for the party by fighting all these cases but do not get a luxury apartment to live in it. Lord Krishna explained why to Arjuna after the war
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 29, 2019
: Arjuna: “You talked of dharma. We Pandavas followed dharma but all we got is vanvas, war & denial. Now you want us to go to Kailash? And Duryodhan is adharmic but he lived his life in a palace all his life!” Krishna then says: “.This your nishta. Be happy with it”
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 29, 2019
It proves nothing of the kind. That is why I quoted Krishna from Mahabharata. We need a healthy outlook of not being attached to any outcome.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 29, 2019
: My tweet was to draw your attention to what Krishna told Arjuna and not on my being denied any dues to me. For me the PM’s prerogative is not to be diluted by what is due to others since the buck stops with the PM
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 30, 2019