देश की सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का बड़ा फैसला, अजीत डोभाल के साथ इस मिशन पर काम शुरू

अजीत डोभाल 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं । उन्होंने अपनी जिंदगी का ज्‍यादातर समय आईबी में काम करते हुए ही बिताया है । डोभाल आईबी प्रमुख भी रह चुके हैं ।

New Delhi, Jun 04 : पिछले सालों से देश की सुरक्षा का जिम्‍मा उठा रहे राष्‍ट्री सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का कार्यकाल और 5 सालों के लिए बढ़ा दिया गया है । उन्‍हें केन्‍द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया है । अजीत डोभाल को लेकर सोमवार को केन्‍द्र सरकार द्वारा इस एक्‍सटेंशन पर मुहर लगाई गई । डोभाल को ये जिम्‍मेदारी उनके पूर्व के कार्यों को देखकर दी गई है, देश की सुरक्षा में उनका योगदान अभूतपूर्व रहा है, जिसके चलते इस पद के लिए फिल्‍हाल उनसे बेहतर या उनके समकक्ष की तलाश में सरकार नहीं लगना चाहती । सोमवार को हुए इस फैसले के बाद देश की सुरक्षा का भार एक बार फिर डोभाल के कंधों पर आ गया है ।

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एयर स्‍ट्राइक और सर्जिकल स्‍ट्राइक का श्रेय डोभाल को
सितंबर 2016 में उरी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्‍ट्राइक और 2019 में पुलवामा हमले के बाद हुई   एयरस्‍ट्राइक का श्रेय अजीत डोभाल को ही जाता है । ये अजीत डोभाल का ही दिमाग था जिसने भारतीय जवानों को पाकिस्‍तानी सीमा में घुसकर आतंकियों को मारने का साहस दिया । फरवरी महीने में पुलवामा हमले में शहीद हुए हमारे वीर बहादुर सीआरपीएफ की जवानों की मौत का बदला भारतीय वायुसेना ने एयरस्‍ट्राइक कर लिया था । जानकारी के अनुसार इस हमले में 200 से भी ज्‍यादा आतंकी ढेर हो गए थे ।

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डोभाल के नाम ये सम्‍मान
अजीत डोभाल 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं । उन्होंने अपनी जिंदगी का ज्‍यादातर समय आईबी में काम करते हुए ही बिताया है । डोभाल आईबी प्रमुख भी रह चुके हैं । वो पाकिस्‍तान में भारतीय जासूस के रूप में 6 साल पाकिस्तान में बिताए हैं । डोभाल पहले ऐसे पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें 1988 में कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया । 37 साल के शानदार करियर में अजीत डोभाल को पंजाब और श्रीनगर में आतंकियों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई करने के लिए, आईएसआई समर्थित खालिस्तानी आतंकवाद, रोमानियाई राजदूत लिवियू राडु की पंजाब में अपहरण के बाद रिहाई के लिए जाना जाता है ।

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2014 से NSA
स्वर्ण मंदिर को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए चले ऑपरेशन ब्लैक थंडर और 90 के दशक में कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ इख्वान उल मुस्लेमून संगठन स्थापित करने जैसे कारनामों के लिए जाना जाता है । वहीं देश में साल 1971 से 1999 के दौरान हुई 15 विमान हाईजैकिंग के दौरान अजित डोभाल हर बार अपहर्ताओं से वार्ताकारों में शामिल रहे। 2005 में आईपीएस से रिटायर होने के बाद उन्‍हें आईबी का निदेशक बनाया गया । साल 2014 में उन्हें पहली दफा सुरक्षा सलाहकार बनाया गया। डोभाल मोदी के सबसे करीबी अधिकारी माने जाते हैं ।

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