प्रशांत किशोर से पल्ला झाड़ेंगे, या बीजेपी का साथ छोड़ेंगे नीतीश कुमार, पीके ने लिया बड़ा फैसला

प्रशांत किशोर के इस फैसले के बाद सुशासन बाबू पशोपेश में हैं, क्योंकि उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं।

New Delhi, Jun 07 : जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बीजेपी और मोदी-शाह की सबसे बड़ी राजनीतिक दुश्मन ममता बनर्जी से हाथ मिला लिया है, आपको बता दें कि ये वही प्रशांत किशोर हैं, जिनके बारे में लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने खुद खुले मंच से बताया था कि पीके को मोदी और शाह ने ही उनके पास भेजा है, अब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ममता बनर्जी के लिये काम करते दिख सकते हैं।

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पशोपेश में नीतीश कुमार
प्रशांत किशोर के इस फैसले के बाद सुशासन बाबू पशोपेश में हैं, क्योंकि उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं, पीके के ममता बनर्जी से हाथ मिलना के बाद नीतीश कुमार के पास दो ही विकल्प हैं, पहला ये कि नीतीश कुमार प्रशांत किशोर से पल्ला झाड़ ले, और उन्हें अपनी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दें, वैसे भी पिछले कुछ दिनों से प्रशांत किशोर जदयू में कोई खास सक्रिय नहीं दिख रहे हैं।

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या बीजेपी का साथ छोड़ दें
या फिर नीतीश कुमार के पास दूसरा विकल्प ये है कि एनडीए का कुनबा छोड़ महागठबंधन में जाएं, या फिर तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी करें, हालांकि हालिया हालात देखकर इसकी संभावना कम ही दिखती है, लेकिन पिछले कुछ दिनों ने नीतीश बाबू बीजेपी से भी नाराज हैं, वैसे भी वो अपने राजनीतिक मूव्स के लिये जाने जाते हैं, अब देखना है कि आगे वो क्या फैसला लेते हैं।

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पीके के खिलाफ बयानबाजी
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के जितने करीबी हुआ करते थे, इन दिनों उतने करीबी नहीं हैं, कहा जाता है कि पार्टी में पीके के दखल बढने से आरसीपी सिंह और ललन सिंह परेशान थे, इन दोनों के इशारे पर कुछ छुटभैये नेताओं ने प्रशांत किशोर के खिलाफ बयानबाजी की थी, हालांकि पीके ने इन बातों का जवाब नहीं दिया, तब तो आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में बिजी थी, जहां उन्होने जगनमोहन रेड्डी को शानदार जीत दिलाई।

अब क्या करेंगे नीतीश
अब ये फैसला तो नीतीश कुमार को करना है कि क्या पीके को जदयू से बाहर का रास्ता दिखाएंगे, या फिर बीजेपी से अलग होने का फैसला लेंगे, इतना तो तय है कि बीजेपी किसी भी शर्त पर ये स्वीकार नहीं करेगी, कि उसकी सहयोगी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी के लिये रणनीति बनाए।