बुमराह का सामना करने के लिये डेविड वॉर्नर ने की अपने बैट से छेड़छाड़

कंगारु सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने अभ्यास के दौरान अपने बल्ले में कुछ तकनीकी बदलाव किये हैं, उन्होने अपने बैट में एक नई डिवाइस लगाई है।

New Delhi, Jun 09 : आईसीसी विश्वकप 2019 में मुकाबला कितना कड़ा है, इस बात का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि खिलाड़ी इसके लिये तैयारियों को नये सिरे से अंजाम दे रहे हैं, दुनियाभर के गेंदबाजों में खौफ पैदा करने वाले कंगारू सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने भी विश्वकप के लिये खास तैयारी की है। जिसकी खूब चर्चा हो रही है, आइये आपको बताते हैं कि वॉर्नर ने क्या किया है।

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बैट में तकनीकी बदलाव
दरअसल कंगारु सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने अभ्यास के दौरान अपने बल्ले में कुछ तकनीकी बदलाव किये हैं, उन्होने अपने बैट में एक नई डिवाइस लगाई है, जिसे बैट सेंसर कहा जाता है, इस डिवाइस के जरिये बल्लेबाज की बैक लिफ्ट और बल्ले की गति जैसा डाटा स्टोर किया जाता है, बंगलुरु स्थित स्मार्ट क्रिकेट कंपनी ने इस डिवाइस को तैयार किया है।

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बुमराह के लिये स्पेशल तैयारी
डेविड वॉर्नर ने इस सेंसर का इस्तेमाल अपने बल्ले में किया है, ताकि वो इसके जरिये सामने आने वाले वाले डाटा का इस्तेमाल भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाजों का सामना करने के लिये कर सकें, वॉर्नर के बैट सेंसर ने बड़ा दिलचस्प खुलासा किया है, कि जसप्रीत बुमराह का सामना करने के लिये उन्होने खास तैयारी की है।

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क्या है तैयारी
उदाहरण के तौर पर बुमराह की यॉर्कर का जवाब देने के लिये बैट की स्पीड 70-75 किमी प्रति घंटे होनी चाहिये, जबकि वॉर्नर 85-90 किमी प्रति घंटे की स्पीड से निकालने का अभ्यास कर रहे हैं, वहीं बुमराह का एक्शन जिस तरह का है, उसके हिसाब से बैक लिफ्ट का एंगल 120-125 डिग्री होना चाहिये, साथ ही बल्ला पहली स्लिप की ओर नीचे की तरफ आना चाहिये। जबकि भुवनेश्वर कुमार के खिलाफ बल्ला विकेटकीपर की लाइन में होना चाहिये, स्पिनर के खिलाफ बैक लिफ्ट का एंगल कम से कम 160 डिग्री और ज्यादा से ज्यादा 175 डिग्री होना चाहिये।

आईसीसी ने दी है अनुमति
आपको बता दें कि कम ही लोगों को पता होगा कि आईसीसी ने बैट सेंसर के इस्तेमाल को 2 साल पहले 2017 में ही अनुमति दे दी थी, हालांकि कंगारु बल्लेबाजों को छोड़ किसी और टीम ने इसका इस्तेमाल नहीं किया है। ये सेंसर बल्ले के हैंडल से सबसे ऊपर लगा होता है, जब तक बल्लेबाज बल्लेबाजी करते है, इसका डाटा एक मोबाइल एप्प क्लाउड स्टोरेज में इकट्ठा होता है।