पीएम मोदी से संबंध पर खुलकर बोले नीतीश कुमार, विवादित मुद्दों पर विरोध रहेगा जारी

नीतीश कुमार ने कहा कि हम बुनियादी सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करते हैं, जदयू विवादित मुद्दों पर अपना विरोध जताती रहेगी।

New Delhi, Jun 10 : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ किया, कि केन्द्र सरकार में शामिल होने को लेकर जदयू और बीजेपी के बीच ना विवाद है और ना ही भ्रम, पटना में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी से मेरे जो संबंध पहले थे, आज भी वैसे ही हैं, हम दोनों के आपसी संबंध काफी बेहतर हैं, नीतीश ने कहा कि चुनाव के दौरान मेरे खिलाफ क्या-क्या ना बोला गया, लेकिन मैं चुप रहा, मेरी चुप्पी के बाद जनता के करारा जवाब दिया, मैंने चुनाव में ज्यादा नहीं बोलने का प्रयोग किया था, जो सफल रहा।

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विवादित मसलों पर क्लियर स्टैंड
सुशासन बाबू ने कहा कि हम बुनियादी सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करते हैं, जदयू विवादित मुद्दों पर अपना विरोध जताती रहेगी, फिर चाहे धारा 370 हो, राम मंदिर निर्माण हो, हमारा स्टैंड क्लियर है, हमें कोई कंफ्यूजन नहीं है। बिहार के लोगों ने एनडीए को जबरदस्त समर्थन दिया है काम के आधार पर, सीएम ने कहा कि कैबिनेट में शामिल नहीं होने को लेकर भ्रम फैलाने की आवश्यकता नहीं है, इस मामले में हमारी कोई नाराजगी नहीं है।

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उन्होने दिया ऑफर
नीतीश कुमार ने कहा कि उन लोगों ने कई बार हमसे बात की, लेकिन हमने ही उन्हें मना कर दिया, अब हमें कैबिनेट में शामिल होने की कोई अपेक्षा भी नहीं है, सुशासन बाबू ने कहा कि जब हम बिहार में एनडीए के साथ हुए थे, तब भी हमें सरकार में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था।

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लोगों ने काम को सराहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों ने हमें भरपूर समर्थन दिया है, सारा काम अब अच्छे से हो रहा है, नीतीश कुमार ने केन्द्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि केन्द्र जो योजना चलाती है, वो योजना पूरी तरह से केन्द्र की रहे और राज्यों के लिये अलग-अलग स्कीम होनी चाहिये, कभी-कभी नीतिगत फैसलों की वजह से केन्द्र आधारित स्कीम से काम करने में दिक्कतें आती हैं, ये वैचारिक विषय है, इस बारे में सभी राज्य सोचते हैं, कि विकास के लिये कैसे प्लानिंग हो।

पानी की समस्या चुनौती
बिहार के कुछ इलाकों में सूखे की समस्या का जिक्र करते हुए सुशासन बाबू ने कहा कि हर साल बिहार में जलस्तर नीचे जा रहा है, जो गंभीर समस्या है, बिहार में अब पानी की समस्या को दूर करना कठिन चुनौती है, प्रदेश में पिछली बार भी कम बारिश हुई, इस बार भी कम बारिश की आशंका है, लेकिन पानी की कमी को दूर करने के लिये हमने अधिकारियों और संबंधित मंत्रियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किये हैं।