प्रशांत किशोर को साथ बिठा नीतीश कुमार ने दिया संदेश, पीके ने साध रखी है चुप्पी

प्रशांत किशोर की कंपनी ममता बनर्जी के लिये पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में काम करने जा रही है, इस पर जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया था।

New Delhi, Jun 12 : बिहार की राजधानी पटना में रविवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें पार्टी के मुखिया और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को अपने बगल में बिठाकर ये संदेश देने की कोशिश की, कि पार्टी में सबकुछ ठीक चल रहा है, दरअसल प्रशांत किशोर के ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद सुशासन बाबू ने कहा था कि जदयू किसी एक नेता की पार्टी नहीं है।

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प्रशांत ने साधी चुप्पी
मालूम हो कि पीके की कंपनी ममता बनर्जी के लिये पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में काम करने जा रही है, इस पर जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया, तो उन्होने कहा था कि पीके रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होंगे, इस पर निश्चित रुप से उन्हें स्थिति स्पष्ट करने को कहा जाएगा, हालांकि बैठक में पीके शामिल हुए, लेकिन इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा।

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प्रशांत की एजेंसी का जदयू से कोई लेना-देना नहीं
जदयू की इस कार्यकारिणी की बैठक इस मायने से भी महत्वपूर्ण थी, कि पार्टी मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं होने के फैसले के बाद पहली बार बैठक कर रही थी, बैठक से पहले नीतीश साफ कर चुके थे, कि पीके की एजेंसी का जदयू से कोई लेना-देना नहीं है, प्रशांत की एजेंसी किस प्रदेश में किस पार्टी के लिये चुनावी रणनीति बनाती है, इससे पार्टी को कोई मतलब नहीं है।

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पीके कर चुके हैं असहज
आपको बता दें कि कुछ और मुद्दों पर पीके पार्टी लाइन से अलग बयान देकर जदयू को मुश्किल में डाल चुके हैं, पीके ने एक चैनल से बात करते हुए कहा था कि महागठबंधन से अलग होने के बाद जदयू को फिर से चुनाव में जाना चाहिये था, फिर नया जनादेश लेकर सरकार चलानी चाहिये थी, उनके इसी बयान ने उन्हें जदयू के कई बसे-बसाये नेता की नजरों में खटका दिया था, हालांकि इन चीजों से बेसुध प्रशांत आगे बढ रहे हैं।

कौन है प्रशांत किशोर
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार हैं, हालांकि नीतीश के कहने पर उन्होने जदयू ज्वाइन किया, पीके की आई-पैक नाम की एजेंसी है, जो चुनाव प्रचार की रणनीति बनाने के लिये चर्चित है, हाल ही में आई-पैक ने आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के लिये काम किया था, जहां उन्हें ऐतिहासिक सफलता मिली। अब उन्होने 2021 विधानसभा चुनाव के लिये ममता बनर्जी के साथ करार किया है, जिस पर हायतौबा मच रही है, क्योंकि जदयू एनडीए का हिस्सा है और ममता का सीधा मुकाबला बीजेपी के साथ है।