तीन तलाक बिल पर लोकसभा में आज फिर मचा संग्राम, रविशंकर – ओवैसी – थरूर जमकर भिड़े
तीन तलाक बिल को लेकर सरकार और विपक्ष में झामासान जारी है । लोकसभा में शुक्रवार को तीसरी बार तीन तलाक विधेयक पेश किया गया। जिसे लेकर जमकर घमासान हुआ ।
New Delhi, Jun 21 : तीन तलाक बिल को लेकर मोदी सरकार तटस्थ है, मुस्लिम महिलाओं के हक में बताए जा रहे इस बिल को एक बार फिर लोकसभा के पटल पर रखा गया । केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से विधेयक को संसद में पेश करने की अनुमति मांगी । इस बीच विपक्ष का जोरदार हंगामा जारी रहा, हंगामे के बीच ही कानून मंत्री ने विधेयक पेश कर दिया । विपक्ष के भारी विरोध के बीच यह विधेयक 74 के मुकाबले 186 मतों के समर्थन से पेश किया गया ।
दोबारा सदन में लाया गया बिल
कानून मंत्री ने सदन में विधेयक पेश करते हुए कहा कि विधेयक पिछली लोकसभा में पारित हो चुका है । लेकिन सोलहवीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के कारण और राज्यसभा में लंबित रहने के कारण बिल निष्प्रभावी हो गया । इसी वजह से सरकार इसे दोबारा सदन में लेकर आई है । रविशंकर ने कहा कि इस बिल के आने से मुस्लिम महिलाओं के हक की रक्षा होगी । ये किसी की आस्था से जुड़ा मसला नहीं है, महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा है । रविशंकर ने कहा कि जनता ने सरकार को कानून बनाने के लिए चुना है और कानून पर बहस अदालत में होती है, लोकसभा को अदालत ने बनाएं । रविशंकर ने सदन में कहा – ‘यह सवाल न सियासत का है। न इबादत का है। न पूजा का है। न धर्म का है। न प्रार्थना का है। यह सवाल नारी के न्याय का है। नारी न्याय, नारी गरिमा, नारी इंसाफ का है और आज हमें अपने अंदर से यह सवाल पूछना पड़ेगा कि आजादी के 70 साल बाद जब भारत का संविधान है, तो क्या मतलब है कि खबातीन कोई हो, बहन कोई हो… कहा तलाक, तलाक, तलाक… तुम घर से बाहर, तुम्हारी कोई गुजारिश नहीं।’
कांग्रेस समर्थन के मूड में नहीं
वहीं सदन में मौजूद कांग्रेस सांसद थरूर ने 3 तलाक विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इस बिल से महिलाओं का कोई भला नहीं होने वाला । किसी एक खास समुदाय को लक्षित करने की बजाए ऐसा कानून बनाया जाए जिसके दायरे में सभी आएं । सिर्फ एक समुदाय के लिए बिल क्यों । इस बिल से मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा और न ही उनके हितों की रक्षा होगी। थरूर ने कह कि वो इस विधेयक का समर्थन नहीं करते हैं, उनके मुताबिक विधेयक को लोगों को परेशान करने के लिए लाया गया है।
ओवैसी ने विधेयक को बताया संविधान का उल्लंघन
वहीं लोकसभा में एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि अगर किसी गैर-मुस्लिम को केस में डाला जाता है तो उसे केवल एक साल की सजा होगी और मुस्लिम पुरुष को तीन साल की । उन्होने कहा कि यह संविधान के लेख 14 और 15 का उल्लंघन है । ओवैसी ने कहा कि सरकार को केवल मुस्लिम महिलाओं से हमदर्दी क्यों है। उन्होने सबरीमाला का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को हिंदू महिलाओं की चिंता क्यों नहीं है । ओवैसी पे कह कि ये बिल सरासर नाइंसाफी है । यह विधेयक महिलाओं के हित में नहीं है।
A Owaisi, AIMIM: Triple Talaq bill is unconstitutional. It's a violation of Constitution's Article 14 & 15. We already have Domestic Violence Act 2005, CrPC Section 125, Muslim Women Marriage Act. If Triple Talaq Bill becomes a law it will be even greater injustice against women. pic.twitter.com/khvMLGDnHG
— ANI (@ANI) June 21, 2019
A Owaisi: If a man gets arrested, how will he give allowance from jail? Govt says if a Muslim man commits this crime the marriage will remain intact&he'll be jailed for 3 yrs if punished by court. He'll be jailed for 3 yrs but marriage will be intact! What law is Mr Modi forming? https://t.co/vVANHqvHu1
— ANI (@ANI) June 21, 2019
Asaduddin Owaisi, AIMIM MP: I would like to ask him what kind of justice is this that if such law is implemented on a non-Muslim man then he goes to jail for 1 year and Muslim man goes to jail for 3 years.
— ANI (@ANI) June 21, 2019
Union Minister RS Prasad: It was a matter of great distress that Congress chose to oppose introduction of Triple Talaq Bill. Earlier they had not opposed it, last time they had walked out from Lok Sabha. But today they were siding with the likes of Mr Owaisi who were opposing it. pic.twitter.com/uLe9XU3BGp
— ANI (@ANI) June 21, 2019