23 महीने बाद जेल से बाहर निकलने के लिये गुरमीत राम रहीम को याद आया ये काम, पढिये पूरी खबर

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई कोर्ट ने 5 जुलाई 2017 को दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिया था।

New Delhi, Jun 23 : साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में हरियाणा के रोहतक सुनारिया जेल में पिछले 23 महीने से सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को अब अपनी खेतीबाड़ी की याद आई है, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की ओर से कृषि कार्य के लिये पैरोल मांगी गई है। रोहतक के जेल सुपरिटेडेंट की ओर से इस संबंध में सिरसा के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी गई है। जिसमें पूछा गया है कि क्या गुरमीत राम रहीम को पैरोल देना उचित होगा या नहीं, अब इस बारे में जिला प्रशासन अपनी सिफारिश उपायुक्त रोहतक को भेजेगा।

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पैरोल की मांग
एक लीडिंग वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के अनुसार गुरमीत राम रहीम के वकील ने जेल सुपरिटेंडेंट को पत्र लिखकर पैरोल की मांग की है। इसके बाद सुनारिया जेल अधीक्षक सुनील सांगवान ने उपायुक्त सिरसा को पत्र लिखा है। पत्र में पैरोल के बारे में मांगी गई रिपोर्ट में राम रहीम पर सीबीआई कोर्ट द्वारा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या और दो अन्य लंबित मामलों का उल्लेख किया गया है।

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जो मामले में सजा काट रहा है डेरा प्रमुख
आपको बता दें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को सीबीआई कोर्ट ने 5 जुलाई 2017 को दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिया था, सीबीआई कोर्ट ने 28 अगस्त 2017 को दोनों मामलों में राम रहीम को 10-10 साल की कैद और 15-15 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके अतिरिक्त हरियाणा के एक स्थानीय पत्रकार के हत्या के मामले में भी उन्हें दोषी करार दिया था।

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मैनुअल के अनुसार कार्रवाई
गुरमीत राम रहीम के पैरोल देने के संबंध में रोहतक जेल अधीक्षक के पत्र के बारे में जानकारी देते हुए सिरसा उपायुक्त अशोक गर्ग ने कहा कि जेल मैनुअल के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि गुरमीत राम रहीम पिछले 23 महीने से जेल में बंद हैं।