49 साल बाद कोई महिला वित्त मंत्री पेश कर रही हैं बजट, दिया गया नया नाम, जानें पूरी प्रक्रिया
संविधान बनने के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को पेश किया गया था। बजट में योजना आयोग की स्थापना का वर्णन किया था।
New Delhi, Jul 05 : 1970 के बाद ये दूसरा मौका है जब कोई महिला वित्त मंत्री बजट पेश करने जा रही है । 1970 में इंदिरा गांधी ने बजअ पेश किया था । इस बार बजट को बही खाता नाम दिया गया है । जिस तरह आम इंसान अपने घर का बजट बनाता है वैसे ही केन्द्र सरकार पूरे देश का बजट तैयार करता है । वर्ष भर हर क्षेत्र में किस मद में कितना धन खर्च होना, टैक्स से लेकर हर क्षेत्र में व्यय का पूरा लेखा जोखा बजट में वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है । आज देश की दूसरी महिला वित्त मात्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने जा रही है । हर क्षेत्र को उनसे बड़ी उम्मीद हैं ।
भारत में बजट का इतिहास
हमारे देश में पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन द्वारा पेशकिया गया था । स्वतंत्रता के बाद देश के पहले वित्तमंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था । हालांकि ये बजट 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक की अवधि के लिए था। संविधान बनने के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को पेश किया गया था। बजट में योजना आयोग की स्थापना का वर्णन किया था।
इस तरह तैयार होता है बजट
देश का बजट बनाना आसान काम नहीं है । योजना के तहत इसका निर्माण होता है । पहले बजट की रूपरेखा तैयार की जाती है, फिर उसके दस्तावेज तैयार किए जाते हैं । संसद की स्वीकृति ली जाती है, फिर बजट का निष्पादन होता है । इसके बाद वित्तीय कोषों का लेखांकन और लेखा परीक्षण किया जाता है । क्या आप जानते बजट भी पांच तरह के होते हैं, पहला है पारम्परिक अथवा आम बजट । दूसरा है निष्पादन बजट, तीसरा शून्य आधारित बजट, चौथा परिणामोन्मुख बजट और पांचवां लैंगिक बजट । अब प्रश्न ये कि बजट तैयार कौन करता है, हम आपको बताते हैं भारत का केंद्रीय बजट कई विभागों के आपसी विचार-विमर्श के बाद तैयार होता है । जिसमें वित्त मंत्रालय, नीति आयोग से लेकर सरकार के कई अन्य मंत्रालय भी शामिल रहते हैं। बजट बेहद गोपनीय रूप से तैयार होता है और राष्ट्रपति की अनुमति लेकर पेश होता है ।
बजट से उम्मीदें
इस बजट से सभी क्षेत्रों की अपनी – अपनी उम्मीदें हैं । अलग-अलग न्यूज ऐजेंसी और मीडिया संस्थानों के आम लोगों के साथ किए सर्वे में ये सामने आया कि लोग सरकार से बजट में राहत की उम्मीद करते हैं । टैक्स स्लैब में राहत मिले, देश का विकास हो, सरकार की योजनाएं आम जन पर भारी ना हो, महंगाई पर लगाम लगे, उद्योग सेक्टर को बढ़ावा मिले, शिक्षा पर ध्यान दिया जाए, रक्षा क्षेत्र मजबूत हो, देश के हर नागरिक को उसके अधिकार प्राप्त हों । बजट में निर्मल सीतारमण इस बार क्या लेकर आती है, सभी क्षेत्रों की निगाहें उन्हीं पर टिकी हैं ।
#WATCH Delhi: Finance Minister Nirmala Sitharaman and MoS Finance Anurag Thakur arrive at the Parliament. #Budget2019 pic.twitter.com/vry6cs1caO
— ANI (@ANI) July 5, 2019
Chief Economic Advisor Krishnamurthy Subramanian on FM Nirmala Sitharaman keeping budget documents in four fold red cloth instead of a briefcase: It is in Indian tradition. It symbolizes our departure from slavery of Western thought. It is not a budget but a 'bahi khata'(ledger) pic.twitter.com/ZhXdmnfbvl
— ANI (@ANI) July 5, 2019