नीतीश जी, इस काम के लिये जेम्स बॉन्ड बनने की कतई जरूरत नहीं है

पहली तस्वीर में जो छोटा सा तालाब दिख रहा है, उसका नाम गुण सागर तालाब है। महज 20-25 साल पहले तक इसका रकबा 72 एकड़ हुआ करता था।

New Delhi, Jul 12 : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी,
सुना है आपने कहा है कि आप पाताल से भी तालाबों को ढ़ूंढ़ कर निकालेंगे और उन्हें कब्जा मुक्त करायेंगे। पाताल तक जाने की जरूरत नहीं है, बस राजधानी में अपने ही सरकार के मत्स्य निदेशालय के अधिकारी को बुलवा लीजिये और उनसे पूछिये कि 25 साल पहले वे राज्य में किन किन तालाबों को जलकर के लिये देते थे, अब उनमें से कितने उन्होने रेवेन्यू डिपार्टमेंट को दे दिये हैं क्योंकि अब वे जलकर के लिये देने लायक नहीं रहे, तालाब से ठोस जमीन में बदल गये।

Advertisement

आँकड़ा मिल जायेगा कि कितने तालाब गायब हो गये हैं और उन गायब तालाबों का पता ठिकाना भी मिल जायेगा। इस काम के लिये जेम्स बॉन्ड बनने की कतई जरूरत नहीं है। वैसे काम शुरू करने के लिये मैं आपको राजधानी पटना के दो तालाबों का पता ठिकाना तस्वीर के साथ देता हूं। पहले इन्हें अतिक्रमण मुक्त करा दीजिये।

Advertisement

1. पहली तस्वीर में जो छोटा सा तालाब दिख रहा है, उसका नाम गुण सागर तालाब है। महज 20-25 साल पहले तक इसका रकबा 72 एकड़ हुआ करता था, यानी गांधी मैदान से भी बड़ा। अब इतना सा बचा है, शायद यह भी भर गया हो, क्योंकि मैं पिछ्ले साल वहां गया था। इसके जमीन को भरकर कालोनी बन गयी है। इसका पता है, संदलपुर। इससे बिल्कुल सट कर बनी है, न्यू अजीमबाद कॉलोनी। पास ही एक मन्दिर है, वहां बैठे बेरोजगार मछुआरे जो 1994 तक इस तालाब की बन्दोबस्ती लेते थे आपको पूरी कहानी बता देंगे।

Advertisement

2. दूसरी तस्वीर तो आपको याद ही होगी। तीन चार पहले इस भवन का आपके ही हाथों उदघाटन हुआ था। यह नालंदा मेडिकल कॉलेज का डायग्नोस्टीक सेन्टर है। पहले यह भी तालाब था। जब हमने यह तस्वीर ली, पिछ्ले साल। तब भी यह तीन तरफ से पानी से घिरा था। यह पानी तालाब का ही बचा पानी है, बारिश या बाढ़ का नहीं। शायद अभी भी हो।
तो यहां से काम शुरू हो। अगर ये दोनों तालाब अतिक्रमण मुक्त हो जाते हैं तो मैं बिहार की जनता की तरफ से आपका सार्वजनिक अभिनन्दन करूंगा। मेरा यह निवेदन सकारात्मक सोच के साथ है।

(वरिष्ठ पत्रकार पुष्य मित्र के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)