विश्वकप- इस धुरंधर की वजह से इतिहास रचने की दहलीज पर खड़े हैं विलियमसन और मॉर्गन

किवी और इंगलिश कप्तानों की सफलता के पीछे एक ही इंसान का हाथ है।

New Delhi, Jul 14 : दो टीमें, दो कप्तान और 22 खिलाड़ी एक खिताब के लिये लड़ेंगे, आईसीसी विश्वकप 2019 का फाइनल आज लॉर्ड्स के मैदान पर खेला जाएगा। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीमें इतिहास रचने के लिये मैदान पर उतरेगी, तो दो ऐसे खिलाड़ियों पर आज नजरें होगी, जिनमें से एक का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा, उन पर ना सिर्फ अपनी टीम बल्कि पूरे देश की उम्मीदों को पार लगाने का दबाव होगा। केन विलियमसन और ऑय़न मॉर्गन दो ऐसे कप्तान जो अपने बयानों और तेज-तर्रार फैसलों के लिये कभी चर्चा में नहीं आये, लेकिन इनमें से एक आज विश्व विजेता बनने वाला है।

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दोनों कप्तानों के बीच खास लिंक
किवी और इंगलिश कप्तानों की सफलता के पीछे एक ही इंसान का हाथ है, वो हैं न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैक्कलम, दोनों ही मैक्कलम की जिंदगी को लेकर नजरिये से बहुत प्रभावित हैं, मैदान पर कूल दिखने वाले विलियमसन ने जिंदगी और खेल की तरफ अपने नजरिये को मैक्कलम से प्रभावित होकर बदला, वहीं मॉर्गन और मैक्कलम पुराने दोस्त हैं, दोनों के शौक काफी मिलते जुलते हैं, यही वजह है कि मॉर्गन ने अपनी शादी में मैक्कलम को बेस्ट मैन बनने का न्योता भेजा था।

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सादगी है सफलता का कारण
केन विलियमसन बेहद ही सुलझे हुए कप्तान हैं, उनका क्रिकेट बेहद ही सादा और सुलझा हुआ है, मैक्कलम से उन्होने सबसे बड़ा सबक यही लिया था, कि उन्होने अपने गेम को थोड़ा कम सीरियस होकर देखना शुरु किया, इससे उन्हें हार और जीत दोनों में मदद मिली। केन विलियमसन ने इस विश्वकप में अब तक 548 रन बनाये हैं, अपनी टीम की ओर से एक तिहाई रन उन्होने अकेले बनाये हैं। न्यूजीलैंड के लिये वो वन मैन ऑर्मी का रोल निभा रहे हैं।

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भारत के खिलाफ शानदार खेल
सेमीफाइनल में विलियमसन ने भारत के खिलाफ शानदार खेल दिखाया, जो बताता है कि वो कितने अच्छे बल्लेबाज और कप्तान हैं, अपने शीर्ष क्रम को जल्दी खोने के बाद वो बल्लेबाजी के लिये क्रीज पर आये, तो पारी में स्थिरता आई, जिसकी टीम को जरुरत थी, जब न्यूजीलैंड की पारी 239 पर सिमट गई, तो कप्तान ने टीम का आत्मविश्वास बढाया, जिसके बाद किवी गेंदबाजों ने भारतीय शीर्ष क्रम की धज्जियां उड़ा दी, लेकिन विलियमसन अतिउत्साहित नहीं हुए, क्योंकि उन्हें भी पता था कि मैच आखिरी गेंद पर ही खत्म होगा, अंत तक उन्होने लड़ाई जारी रखी, जिसकी वजह से उन्हें जीत मिली।