कर्नाटक में कांग्रेस सरकार धराशायी, अब मध्‍यप्रदेश में ‘खेल’, शिवराज सिंह का बड़ा बयान

‘यह कमलनाथ सरकार है, कुमारस्वामी नहीं और इस सरकार में उन्हें हॉर्स ट्रेडिंग करने के लिए सात जन्‍म लेना पड़ेगा।’

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New Delhi, Jul 24 : कर्नाटक में 14 महीने के सियासी उठापठक के बाद आखिरकार कुमारस्‍वामी ने हार मान ली । प्रदेश में अब बीजेपी अपना बहुमत साबित करेगी । इधर कर्नाटक का नाटक खत्‍म हुआ उधर मध्‍यप्रदेश में सुगबुगाहट तेज हो गई है । यहां पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक बयान ने हलचल बढ़ा दी है । शिवराज के बयान के बाद से ही मध्‍यप्रदेश में कर्नाटक जैसे हालात बनने की चर्चा चलने लगी है, कांग्रेस सरकार में अंदर ही अंदर डर का माहौल पैदा हो गया है, हालांकि वो खुद को मजबूत बता रहे हैं ।

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शिवराज सिंह का बयान
मंगलवार को कर्नाटक के मामले पर बातलते हुए चौहान ने कहा कि मध्‍य प्रदेश में भी कांग्रेस सरकार में भी काफी आंतरिक मतभेद हैं। ऐसे में अगर सरकार गिरती है तो इसके लिए कांग्रेस खुद जिम्मेदार होगी।  शिवराज ने कहा कि कांग्रेस और बीएसपी-एसपी के विधायकों में काफी आंतरिक मतभेद हैं। ऐसे में अगर कमलनाथ सरकार के साथ कुछ भी होता है तो वह कुछ नहीं कर पाएंगे।

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कमलनाथ सरकार का पलटवार
वहीं शिवराज सिंह चौहान के ऐसे बयान के बाद से मध्‍यप्रदेश में भी कर्नाटक जैसी स्थिति बनती नजर आ रही है । मामले में बयान के बाद कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार में परेशानियां पैदा करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। उन्होंने बीजेपी को चेताते हुए कहा कि यह कमलनाथ सरकार है, कुमारस्वामी नहीं और इस सरकार में उन्हें हॉर्स ट्रेडिंग करने के लिए सात जन्‍म लेना पड़ेगा।

क्‍या एमपी में बन सकते हैं कर्नाटक जैसे हालात?
शिवराज सिंह के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं । सबसे बड़ा सवाल तो यही कि क्‍या मध्‍यप्रदेश में ऐसे हालात बन सकते हैं । आपको बता दें मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के लिए वोटिंग हुई, जिसमें कुमारस्वामी सरकार को 99 विधायकों का समर्थन मिला जबकि बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े । अब ऐसे में यही आशंका जताई जा रही है कि मध्य प्रदेश में भी कर्नाटक जैसे हालात बन सकते हैं । उस पर से शिवराज सिंह के बयान आग में घी का काम किया । चौहान ने कांग्रेस सरकार में आंतरिक मतभेदों की बात कर सियासी पारा गर्मा दिया ।