BJP में वापस आना चाहते हैं नवजोत सिंह सिद्धू, लेकिन … भाजपा नेता ग्रेवाल ने बताई अंदर की बात
नवजोत सिंह सिद्धू की कांग्रेस के साथ दूसरी राजनीतिक पारी डांवाडोल हो गई हे । पंजाब सरकार में मंत्री पद से दूर किए जा चुके सिद्धू की अब वापसी की खबरें तेज हैं ।
New Delhi, Jul 30 : पहले खेल की दुनिया में रंग जमाया, फिर वाक शैली से कमेंटेटर वर्ल्ड में नाम कमाया, यहां से राजनीति में कदम रखा, कॉमेडी की फील्ड में खूब तालियां ठोंकी लेकिन इतने सब के बाद भी सिद्धू आज परेशान हैं । नवजोत सिंह सिद्धू की कांग्रेस के साथ दूसरी राजनीतिक पारी डांवाडोल हो गई हे । पंजाब सरकार में मंत्री पद से दूर किए जा चुके सिद्धू की अब वापसी की खबरें तेज हैं । ये खबर भी आई है एक पुख्ता सोर्स से, कहा गया है कि सिद्धू हाल फिल्हाल में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात कर चुके हैं और पार्टी में वापसी करना चाहते हैं ।
वरिष्ठ बीजेपी नेता का दावा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के सीनियर नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल का दावा किया है कि सिद्धू एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की कोशिश में हैं। ग्रेवाल ने ये भी कहा कि सिद्धू ने पार्टी के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात कर भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई, लेकिन पार्टी ने इससे मना कर दिया।
अनुशासनहीनता का आरोप
हरजीत सिंह ग्रेवाल के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस में मंत्री पद छोड़ने के बाद एक बार फिर से बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं। उनका दावा है कि सिद्धू ने पिछले दिनों दिल्ली में भाजपा में एक बड़े नेता व मंत्री से मुलाकात की थी। उन्होने इस दौरान बीजेपी में शामिल होने की इच्छा जाहिर की। ग्रेवाल ने आगे बताया कि पार्टी हाईकमान ने इस बात के लिए इनकार कर दिया, पूर्व में अनुशासनहीनता के चलते सिद्धू को पार्टी में लेने से मना कर दिया है।
बीजेपी से ही शुरु किया था राजनीतिक करियर
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से ही की थी । सिद्धू बीजेपी के टिकट पर अमृतसर से तीन बार लोकसभा के सदस्य चुने गए। 2004 में वो पहली बार चुनाव लड़े, जीत हासिल की । इसके बाद 2007 और 2009 में वो भाजपा से सांसद बने । 2014 में कुछ कारणो से बीजेपी ने उनकी टिकट काटकर उनके सियासी गुरु अरुण जेटली का दी । इसके बाद से भाजपा से उनकी नाराजगी शुरू हो गई। पार्टी के विरोध में बोलना, नरेन्द्र मोदी की नीतियों को लेर सवाल उठाना जैसे आम हो गया । 2016 में सिद्धू ने बीजेपी की ओर राज्यसभा की सदस्यता और भाजपा से भी इस्तीफा दे दिया । जिसके बाद उन्हें 28 नवंबर 2016 को कांग्रेस में शामिल कर लिया गया, हालांकि प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह इसके बिलकुल खिलाफ थे । बहरहाल 3 साल बाद फिर कैप्टन और सिद्धू का तनाव सामने आ गया, पंजाब सरकार में अपना विभाग बदलने से नाराज सिद्धू ने राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया, जिसके बाद पंजाब मुख्यमंत्री को भी इस्तीफा भेजा गया । लंबे घटनाक्रम के बाद सिद्धू का इस्तीफी स्वीकार कर लिया गया । अब सिद्धू कांग्रेस के एक सदस्यभर हैं, जो फिलहाल राज्य सरकार में अनदेखी से बेहद नाराज चल रहे हैं ।