आजम खान के बहाने नई रणनीति में जुटे अखिलेश यादव, उपचुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा से गठबंधन टूटने पर अखिलेश यादव की चुप्पी से उनके लीडरशिप पर सवाल उठ रहे थे।

New Delhi, Aug 01 : लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार और बसपा से गठबंधन टूटने के बाद हताश कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिये सही समय के इंतजार में बैठे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मौका मिलता दिख रहा है, दरअसल सपा सांसद आजम खान के खिलाफ सरकार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है, जौहर यूनिवर्सिटी में आजम और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई की, जिसके बाद सपा अब इसका विरोध करेगी, दरअसल कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिये शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं।

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रामपुर कूच करने का निर्देश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वो रामपुर पहुंचे और आजम खान के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा हो रही मनमानी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करें, गुरुवार को होने वाले इस विरोध प्रदर्शन में बदायूं, बरेली, संभल, मुरादाबाद, बिजनौर, बागपत समेत आस-पास के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को जुटने का निर्देश दिया गया है। सपा की कोशिश है कि पार्टी जहां एक तरफ कद्दावर नेता आजम खान के साथ खड़ी दिखनी चाहती है, वहीं विधानसभा उपचुनाव से पहले सुस्त और निराश कैडर को भी एक्टिव मोड में लाना चाहती है।

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सपाइयों ने राजभवन को घेरा
बुधवार को जौहकर विश्वविद्यालय पर छापेमारी के दौरान पुलिस कार्रवाई में बाधा डालने के आरोप में सपा विधायक और आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, इसके बाद तमाम सपा नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आये, लखनऊ स्थित राजभवन का गेट घेर लिया। इस दौरान घंटों सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोंक-झोंक होती रही। कुछ नेताओं को हिरासत में भी लिया गया, हालांकि देर रात सभी को छोड़ दिया गया।

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अखिलेश पर लग रहा था आरोप
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा से गठबंधन टूटने पर अखिलेश यादव की चुप्पी से उनके लीडरशिप पर सवाल उठ रहे थे, इतना ही नहीं हार की समीक्षा करने की जगह लंदन में छुट्टियां मनाने के साथ ही आजम पर कार्रवाई के खिलाफ कोई एक्शन ना लेना भी सवाल उठा रहा था, पिछले दिनों सोनभद्र नरसंहार के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने में प्रियंका गांधी ने अखिलेश को पछाड़ दिया, लेकिन अब उन्नाव केस और आजम खान के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सपा फिर से रंग में नजर आ रही है।