मनमोहन सिंह के सवाल का जब सुषमा स्वराज ने दिया था खास अंदाज में जवाब, सदन में लगे थे ठहाके
सुषमा स्वराज के निधन के बाद उनसे जुड़े कई ऐसी बातें सामने आ रही हैं, जिन्हाने अपने समय में सभी का ध्यान आकर्षित किया था । एक ऐसी ही शायराना जुगलबंदी सदन में देखने को मिली थी । आगे पढ़ें …
New Delhi, Aug 07: देश ने बुधवार देर रात एक जनप्रिय नेता को खो दिया । सौम्यता लिए, चेहरे पर मुस्कुराहट लिए, सुषमा स्वराज अपने अंदर ज्ञान का साम्राज्य लिए चलती थीं । भारतीय संस्कृति, वेद, पुराण से लेकर देश की विदेश नीति तक की गूढ़ जानकारी उनके लिए मामूली बात थी । राजनेता होना आसान है, लोकप्रिय होना भी आसान है लेकिन वो नेता बनना मुश्किल है जिसके जाने की खबर दिल को आघात दे जाए । सुषमा स्वराज एक ऐसी ही नेता थीं, प्रखर प्रवक्ता, दृढ़ निश्चय के साथ काम करने वालीं मंत्री, भारतीय जनता पार्टी का एक सशक्त चेहरा । आगे पढ़े वो किस्सा जब सदन में उनका और मनमोहन सिंह का आमना – सामना हुआ, शायरी की ये जुगलबंदी संदन में ठहाकों के रूप में गूजने लगी थी ।
2013, संसद में गूंजे ठहाके
सदन में सांसदों का शोर, हंगामा, विरोध के सुर तो आप सभी ने सुने होंगे । आज जानिए उस दिन की बात जब सदन में ठहाके गूंजे थे । साल 2013 में संसद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सुषमा स्वराज के बीच हुई शायराना जुगलबंदी आज भी लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला देने के लिए काफी है । एक प्रखर वक्ता मानी जाने वालीं सुषमा स्वराज ने जब शायराना अंदाज में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सवाल पूछा तो उन्होने भी उसी अंदाज में जवाब दिया । जिसके बाद पूरा सदन हंसी के ठहाकों से गूंज उठी थी ।
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शेरों शायरी का चला दौर
साल 2013, लोकसभा में मनमोहन सिंह और विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज एक दूसरे के आरोपों का जवाब शायरी से दे रहे थे । बीजेपी पर आरोप मढ़ते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री ने शेर कहा – हमें है उनसे वफा की उम्मीद जो नहीं जानते वफा क्या है । इस शेर का जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि उनकी एक शायरी का जवाब वह दो से देंगी और उनका कर्ज भी नहीं रखेंगी । जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि फिर तो उन पर उधार हो जाएगा ।
सुषमा ने कहे दो शेर
मनमोहन सिंह के शेर के जवाब में सुषमा स्वराज ने सदन में दो शेर पढ़े कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता । उन्होने कहा कि वह देश के साथ बेवफाई कर रहे हैं । इसी शेर को आगे बढ़ाते हुए सुषमा ने आगे कहा कि तुम्हें वफा याद नहीं हमें जफा याद नहीं, जिंदगी और मौत के दो ही तराने हैं एक तुम्हें याद नहीं, एक हमें याद नहीं । सदन में सुषमा स्वराज के इस जवाब के सब कायल हो गए । सांसदों ने इस पर खूब ठहाके लगाए ।
हार्ट अटैक के बाद निधन
सुषमा स्वराज का बुधवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया । वो 67 वर्ष की थीं । उनके निधन की खबर देशवासियों के लिए गहरा आघात रही । खराब तबियत के चलते सुषमा स्वराज ने लोकसभा चुनाव में किसी भी सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था । सुषमा स्वराज के निधन के बाद से राजनीति समेत हर क्षेत्र से जुड़े लोग उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं ।