Opinion – JDU को यह याद नहीं कि मोदी को नेता बनाये जाने के विरोध में उसने NDA का साथ छोड़ा था
BJP अपने घोषणा पत्र पर अमल कर रही है। और JDU वोटिंग का बायकॉट कर उसका साथ दे रही है। सच कहें तो उसकी स्थिति सांप-झुंझुंदर वाली हो गई है।
New Delhi, Aug 08 : NDA से बाहर की कई पार्टियां तीन तलाक और धारा 370 को हटाने के लिए BJP सरकार के समर्थन में आ खड़ी हुईं। लेकिन JDU ने समर्थन नहीं किया। इसके लिए वह अजीबोगरीब तर्क दे रही है। उसका कहना है कि अटल जी के समय कॉमन एजेंडा बना था। उसमें इन सब विषयों को अलग रखा गया था। JDU आज भी उस एजेंडे को फॉलो कर रही है।
ऐसे ही लोगों के लिए किसी शायर ने कहा है-उनकी इस मासूमियत पर कौन न मर मिटे ऐ खुदा! शायद JDU को यह याद नहीं कि मोदी को नेता बनाये जाने के विरोध में उसने NDA का साथ छोड़ दिया था।
जब मोदी PM बन गए तो कुछ समय बाद JDU फिर BJP के साथ आ गई। मोदी के नेतृत्ववाली BJP ने कोई कॉमन एजेंडा नहीं बनाया है। उसने अपना घोषणा पत्र जारी किया था, जिसमें तीन तलाक और 370 हटाने की बात कही गई है।
इसके बाद भी JDU साथ आई। BJP अपने घोषणा पत्र पर अमल कर रही है। और JDU वोटिंग का बायकॉट कर उसका साथ दे रही है। सच कहें तो उसकी स्थिति सांप-झुंझुंदर वाली हो गई है। न खुल कर साथ दे पा रही है न विरोध ही कर पा रही है। इसे नेतृत्व का दिवालियापन ही कहा जा सकता है। याद रहे जनता सब देख रही है। मालिक वही है।
(वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)