एम्स में अरुण जेटली की हालत स्थिर, मोदी को चिट्ठी लिख बना रखी है दूरी, जानिये किस बीमारी से जूझ रहे

दिल्ली- एम्स प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि फिलहाल अरुण जेटली की हालत स्थिर है।

New Delhi, Aug 10 : पिछले कुछ महीनों से स्वास्थ्य कारणों से जूझ रहे पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (66 साल) की तबीयत फिर बिगड़ गई है, उन्हें घबराहट और बेचैनी की शिकायत के बाद शुक्रवार सुबह दस बजे कॉर्डियो न्यूरो सेंटर एम्स में भर्ती कराया गया है, गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में दिल और गुर्दे के डॉक्टरों की एक टीम ने जेटली के स्वास्थ्य पर निगरानी रख रही है, पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स पहुंचकर उनका हाल जाना।

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हालत स्थिर
एम्स प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि फिलहाल अरुण जेटली की हालत स्थिर है, इस साल मई में भी जेटली इलाज के लिये एम्स में भर्ती हुए थे, 14 मई 2018 को दिल्ली एम्स में ही उनका किडनी प्रत्यारोपण हुआ था, इसके लिये डॉक्टरों की टीम बाहरी अस्पतालों से भी आई थी, जिसमें दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉक्टर संदीप गुलेरिया के अलावा दो वरिष्ठ डॉक्टर पीजीआई चंडीगढ के थे।

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आईसोलेशन
जनवरी 2019 में पूर्व वित्त मंत्री को सारकोमा (फेफड़ा) में सॉफ्ट टिश्यू मिले थे, जिसकी वजह से उन्होने न्यूयॉर्क के डॉक्टरों से सलाह ली थी, इसके बाद से उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है, डॉक्टरों के सलाह के बाद वो कई महीने से आईसोलेशन में रह रहे हैं।

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खास हिदायत
बाहर आने-जाने को लेकर डॉक्टरों ने उन्हें खास हिदायतें दे रखी है, इसलिये उन्होने लोकसभा चुनाव ना लड़ने और मोदी सरकार में मंत्री ना बनने का फैसला लिया, जब से जेटली आईसोलेशन में रह रहे हैं, तब से उनके रिश्तेदारों, करीबियों और परिजनों को छोड़ बाकी लोगों से दूरी बनाकर रखी है, 2014 में जेटली की गैस्ट्रिक सर्जरी भी हो चुकी है, उन्हें मधुमेह की भी लंबे समय से परेशानी है।

मंत्री पद लेने से मना
अरुण जेटली ने 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले ही मना कर दिया था, लेकिन दोबारा जब मोदी जीतकर आये, तो उन्होने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखकर स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था, उन्होने कहा था उन्हें सरकार में कोई जिम्मेदारी ना दी जाए, ताकि वो अपने स्वास्थ्य को पूरा समय दे सके।