वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत के बावजूद बढी टीम इंडिया की टेंशन, ये है खास वजह

सलामी बल्लेबाज शिखर धवन सीमित ओवरों में टीम के अहम खिलाड़ी हैं, लेकिन जब से चोट से उबरकर उन्होने वापसी की है, लगता है उनका फॉर्म कहीं खो सा गया है।

New Delhi, Aug 12 : त्रिनिडाड में खेले गये दूसरे वनडे मुकाबले में टीम इंडिया ने मेजबान वेस्टइंडीज को हरा दिया, इस जीत के साथ ही टीम इंडिया 3 मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे हो गई, इस जीत के नायक कप्तान विराट कोहली रहे, जिन्होने शानदार शतक ठोंका, वहीं टीम में वापसी करने वाले श्रेयस अय्यर ने भी शानदार अर्धशतकीय पारी खेली, हालांकि इस जीत के बावजूद टीम इंडिया और कप्तान विराट कोहली की टेंशन जरुर बढ़ गई होंगी, आइये इसके तीन वजहों पर नजर डालते हैं।

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ऋषभ पंत
भले ही युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को धोनी की उत्तराधिकारी कहा जाता हो, लेकिन उनकी बल्लेबाजी की शैली अब टीम के लिये चिंता की वजह बन चुकी हैं, पंत की कमजोरी जल्दी आउट होना नहीं बल्कि खराब शॉट सलेक्शन है, त्रिनिडाड में भी पंत ने बेहद खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाया, उन्हें ब्रेथवेट ने बोल्ड किया, इस पारी के दौरान सेट होने के बाद गेंद की लाइन में आये बगैर उन्होने अजीबो-गरीब स्टाइल में शॉट खेला और बोल्ड हो गये, पंत के अंदर प्रतिभा और क्षमता है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन जिस अंदाज में वो आउट होते हैं, वो टीम के लिये परेशानी का विषय है।

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शिखर धवन
सलामी बल्लेबाज शिखर धवन सीमित ओवरों में टीम के अहम खिलाड़ी हैं, लेकिन जब से चोट से उबरकर उन्होने वापसी की है, लगता है उनका फॉर्म कहीं खो सा गया है, विश्वकप में शतक लगाकर चोटिल होने के बाद से धवन ने 2,3,23 और 1 रन की पारी खेली है, 4 में से तीन पारियों में तो वो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाये, उनका फुटवर्क धीमा हो गया है, धवन का फॉर्म में ना होना टीम के लिये अच्छी खबर नहीं है।

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स्लॉग ओवर्स
पिछले काफी समय से टीम इंडिया को एक बड़ी समस्या ने घेर रखा है, वो है स्लॉग ओवर्स में खराब बल्लेबाजी, वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे वनडे में भी टीम को ऐसी ही मुश्किल का सामना करना पड़ा, टीम ने 40 ओवर में 3 विकेट पर 212 रन बना लिये थे, विराट और अय्यर की जोड़ी क्रीज पर थी, टीम पूरी तरह से सेट लग रही थी, 300 रन का आंकड़ा सामने दिख रहा था, हालांकि ऐसा नहीं हो सकता, आखिरी दस ओवर में टीम सिर्फ 67 रन बना सकी और 4 विकेट गंवा दिये, इस सीरीज में हार्दिक पंड्या और धोनी नहीं खेल रहे हैं, लेकिन उनकी मौजूदगी में भी कई बार टीम को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है, जब टॉप ऑर्डर ने अपनी जिम्मेदारी निभाई, लेकिन मिडिल ऑर्डर स्लॉग ओवर्स में रन नहीं बना पाया।