चीन ने उठाया कश्मीर का मुद्दा, भारतीय विदेश मंत्री के जबाव से हो गई बोलती बंद

जयशंकर की तीन दिवसीय चीन यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया है, जिसके बाद से भारत-पाक के बीच तनावपूर्ण माहौल है।

New Delhi, Aug 13 : जम्मू-कश्मीर से ऑर्टिकल 370 हटाये जाने के बाद से पूरी दुनिया की नजर कश्मीर पर है, भारत के विदेश मंत्री चीन के दौरे पर हैं, बीजिंग में वार्ता के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कहा कि जम्मू-कश्मीर मसला भारत का आंतरिक मामला है, भारतीय संविधान के एक अस्थायी प्रावधान में बदलाव करना भारत सरकार का विशेष अधिकार है, इसलिये दूसरे देश इस पर दखल ना दें।

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सीमा विवाद
एस जयशंकर की चीन के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के कुछ घंटे बाद ही मोदी सरकार ने फिर दोहराया कि दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा, दोनों देशों के बीच 3488 किमी लंबी एलएसी है, अब तक दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिये विशेष प्रतिनिधि स्तर की 21 दौर की बातचीत हो चुकी है।

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सरकार का अधिकार
जयशंकर की तीन दिवसीय चीन यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया है, जिसके बाद से भारत-पाक के बीच तनावपूर्ण माहौल है, मोदी सरकार के बयान में कहा गया है कि भारतीय विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की, इस दौरान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटने के लिये संसद में पारित विधेयक पर भी बात हुई।

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भारत का आंतरिक मुद्दा
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से स्पष्ट तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर का मसला भारत का आंतरिक मुद्दा है, भारतीय संविधान के एक अस्थायी प्रावधान में बदलाव करना भारत सरकार का विशेष अधिकार है, वहीं भारत की ओर से चीन से सटे किसी नये क्षेत्र पर दावा नहीं किया गया है, मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच सीमा या वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ, भारत ने किसी नये क्षेत्र पर दावा नहीं करके चीन की चिंता को खत्म कर दिया है।