कश्मीरी मुसलमानों को लेकर आरएसएस के नेता का बड़ा बयान, दे दिया घाटी में विकास का फॉर्मूला

आरएसएस नेता ने कश्‍मीर में विकास का फॉर्मूला सुझाया है । RSS नेता ने कहा है कि लद्दाख और कश्मीर घाटी की चौथाई जनता धारा 370 के समाप्त होने से खुश हैं । लेकिन अभी कश्‍मीरी मुसलमानों के साथ थोड़ा काम करने की जरूरत है ।

New Delhi, Aug 14: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हट गई, इसके साथ ही हट गया विशेष राज्य का दर्जा भी । अब कश्‍मीर केन्‍द्र शासित प्रदेश है, तब तक जब तक सरकार को नहीं लगता कि राज्‍य अपना प्रशासन खुद संभालने में सक्षम है । बहरहाल, कश्‍मीर से 370 हटी तो देशवासी तो खुश हैं लेकिन कश्‍मीरियों का क्‍या । क्‍या वहां खुशी है ? इस सवाल का जवाब मिलाजुला है, वो जो सरकार के फैसले के समर्थन में हैं उन्‍हें घाटी में सब सामान्‍य नजर आ रहा है, जो विरोध में हैं उन्‍हें ये फैसला संविधान का उल्‍लंघन लग रहा है । बहरहाल मामले में आरएसएस के वरिष्‍ठ नेता का भी बयान आया है ।

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आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार का बयान
आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने धारा 370 को लेकर एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत की। उन्‍होने कहा कि अगला कदम अब कश्मीरी मुसलमानों को ‘भारतीयता’ सिखाने का होना चाहिए । गौरतलब है कि इंद्रेश कुमार राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक भी है। आरएसएस नेता ने अखबार से कहा, ‘एक खास तरह का इस्लाम धर्म है जो रमजान और ईद तक का सम्मान नहीं करता है। यह सिर्फ हिंसा फैलाता है। पुलवामा हमले ने इसे साफ कर दिया है। कश्मीरी मुस्लिमों को इस तरह के इस्लाम धर्म से दूर रहना चाहिए। देशभर के अन्य जगहों के मुसलमानों ने एक राष्ट्र, एक झंडा, एक संविधान और एक नागरिकता के सिद्धांत को स्वीकार किया है। और… अब यही तरीका है जिससे घाटी का विकास हो सकता है।’

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एक चौथाई लोग हैं खुश : कुमार
राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक ने आगे कहा –  ‘लद्दाख और कश्मीर घाटी के एक चौथाई लोग अनुच्छेद 370 के समाप्त होने से खुश हैं। कुल मिलाकर जम्मू-कश्मीर की लगभग दो-तिहाई आबादी इस अनुच्छेद के हटने से खुश है।’ कुमार ने कहा कि सरकार के इस कदम के बाद जम्मू-कश्मीर के पंडितों, डोगरों, सिखों, शिया मुसलमानों, गुर्जर और दलितों को न्याय मिला है। कश्मीर घाटी भारत का अभिन्न अंग रही है और घाटी के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रवाद और राष्ट्रहित की अवधारणा से जोड़ने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि कश्मीरी मुस्लिमों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो शांति और विकास चाहता है। यह वर्ग जानता है कि भारत ही उन्हें यह सब दे सकता है।

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संगठन कर रहा है अपना काम : इंद्रेश
जम्‍मू – कश्मीर में हाल के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए RSS नेता ने ये भी कहा कि उन्होंने अपने संगठनों यानी कि आरएसएस से जुड़े दूसरे संगठनों, दलों के जरिए राज्य के तमाम लोगों से मुलाकात की है । कुमार के मुतसाबिक अब उनके दो संगठन प्रशासनिक लोगों से उन विषयों पर बातचीत कर रहे हैं जिनके माध्यम से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग किया जा सके।