ऑर्टिकल 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लगाई फटकार, कही ऐसी बात

सुप्रीम कोर्ट ने दो याचिकाओं पर सुनवाई की, पहली याचिका में ऑर्टिकल 370 हटाये जाने का विरोध किया गया, तो दूसरी याचिका में कश्मीर में पत्रकारों पर से सरकार का नियंत्रण हटाने की मांग की गई।

New Delhi, Aug 16 : जम्मू-कश्मीर में ऑर्टिकल 370 हटाये जाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को जमकर फटकार लगाई, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने यचिकाकर्ताओं को सभी याचिका वापस लेने को कहा, इस दौरान सीजेआई ने यचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि ये किस तरह की याचिका है, अगर उन्हें कोई दिक्कत है, तो संशोधित याचिका दाखिल करें।

Advertisement

370 हटाकर मनमानी
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दो याचिकाओं पर सुनवाई की, पहली याचिका में ऑर्टिकल 370 हटाये जाने का विरोध किया गया, तो दूसरी याचिका में कश्मीर में पत्रकारों पर से सरकार का नियंत्रण हटाने की मांग की गई, पहली याचिका एमएल शर्मा ने लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर से ऑर्टिकल 370 हटाकर मनमानी की है।

Advertisement

संसदीय रास्ता नहीं
अनुच्छेद 370 हटाने में सरकार ने संसदीय रास्ता नहीं अपनाया, राष्ट्रपति का आदेश असंवैधानिक है, वकील एमएल शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई ने फटकार लगाते हुए कहा कि ये किस तरह की याचिका है, मुझे नहीं समझ आ रही है, उन्होने सीधे शब्दों में पूछा कि याचिकाकर्ता कैसी राहत चाहते हैं।

Advertisement

पत्रकार की याचिका
दूसरी याचिका कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि ऑर्टिकल 370 हटाये जाने के बाद से पत्रकारों पर लगाया जाने वाला नियंत्रण पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिये, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, कि प्रदेश में सभी न्यूज पेपर रिलीज हो रहे हैं, बम रोज कुछ ना कुछ पाबंदियां घटा रहे हैं, इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हम परिस्थितियों को देखकर जल्द पाबंदियों में ढील दें, हम वही कर रहे हैं, सुरक्षा बलों पर भरोसा रखिये।

कश्मीर में क्या हुआ
मालूम हो कि मोदी सरकार ने बीते सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया, इसके साथ ही राज्य को दो हिस्सों में बांट कर केन्द्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल भी पेश किया, जिसके अंतर्गत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश बन गया है।