हरियाणा: हुड्डा होंगे BJP में शामिल ! बड़ी खबर पर बीजेपी प्रभारी अनिल जैन का चौंकाने वाला बयान

किसी भी पार्टी का विस्तार करने के लिए दूसरे दलों के नेताओं को शामिल करना जरूरी होता है। तभी विस्तार होता है। पुराने कार्यकर्ताओं और नए नेताओं को आपस में सामंजस्य बैठाना होगा।

New Delhi, Aug 24: हरियाणा में कभी कांग्रेस के धुरंधर रहे भूपेन्‍द्र सिंह हुड्डा आज पार्टी लाइन से अलग बातें कर रहे हैं । मौजूदा सरकार के समर्थन में बयान दे रहे हैं, यहां तक कह रहे हैं कि कांग्रेस अब पहले वाली कांग्रेस नहीं रही । तो क्‍या हुड्डा कुछ इशारा कर रहे हैं, क्‍या उनका मन कांग्रेस से उचट गया है और वो बीजेपी में आने का मन बना रहे हैं । ऐसे कई सवाल हरियाणा की जनता के मन में भी जरूर हैं । मामले में एक न्‍यूज वेबसाइट ने बीजेपी के हरियाणा प्रभारी से बात की और अहम सवाल पूछे ।

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क्‍या हुड्डा बीजेपी में शामिल होनेा चाहते हैं ?
इंटरव्‍यू में जब पत्रकार ने पूछा कि क्‍या कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के पक्ष में बयान देकर बीजेपी से नजदीकी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं । क्‍या वो अपने ऊप्‍र चल रहे मामलों को खत्‍म करवाने के लिए ऐसा बयान दे रहे हैं । सवाल के जवाब में अनिल जैन ने कहा – हरियाणा सैनिकों की धरती है। इसलिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने पर भाजपा के पक्ष में ये बयान दिया।

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भाजपा में शामिल नहीं होंगे हुड्डा : अनिल जैन
भाजपा के हरियाणा प्रभारी अनिल जैन ने कहा कि हुड्डा भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त है। इसलिए भाजपा उन्हें कभी पार्टी में शामिल नहीं करेगी। यदि वे कांग्रेस से अलग होते हैं तो ये उनका और कांग्रेस पार्टी का मामला है। क्योंकि अशोक तंवर के साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा है। हुड्डा अपना चुनावी घोषणापत्र घोषित करके, मुख्यमंत्री की दावेदारी ठोंक रहे हैं। वे कांग्रेस के लिए चुनौती हैं। भाजपा हुड्डा को सपोर्ट नहीं करेगी और न ही कभी शामिल करेगी।

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हरियाणा बीजेपी के अंदर का हाल
हुड्डा के अलावा अनिल जैन से ये भी पूछा गया कि पार्टी में दूसरे दलों से आ रहे कार्यकर्ता क्‍या पहले से मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं की कुंठा का कारण बन रहा है । इस सवाल के जवाब में अनिल जैन ने कहा कि किसी भी पार्टी का विस्तार करने के लिए दूसरे दलों के नेताओं को शामिल करना जरूरी होता है। तभी विस्तार होता है। पुराने कार्यकर्ताओं और नए नेताओं को आपस में सामंजस्य बैठाना होगा। बाकी टिकट का फैसला पार्टी की केंद्रीय कमेटी करती है।  भाजपा गुण दोष के आधार पर पार्टी में शामिल करती है। किसी शर्त पर नहीं।