भारत लौटते ही जेटली के घर पहुंचे PM मोदी, दिवंगत दोस्‍त की तस्‍वीर देख किया ये, भावुक हुआ परिवार  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह ही जी 7 समिट से लौटे हैं और उन्‍होने सबसे पहला काम क्‍या किया, सुबह सुबह अपने दिवंग मित्र के घर पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाया ।

New Delhi, Aug 27 : तीन देशों की लंबी यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज सुबह ही स्‍वदेश लौटे, वतन वापसी के बाद उन्‍होने जो पहला काम किया वो था अपने दिवंगत दोस्‍त के परिवार से मुलाकात करना । पूर्व वित्‍त मंत्री अरुण जेटली नरेन्‍द्र मोदी के बहुत ही पुराने साथी रहे हैं, जिस दिन उनका निधन हुआ प्रधानमंत्री अपनी यूएई यात्रा पर बहरीन में थे । उन्‍होने वहीं से जेटली के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और बताया कि वो दोनों कितने करीब थे ।

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परिवार से मिले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह अरुण जेटली के आवास पर पर पहुंचे, उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे । घर में प्रवेश करते ही नरेन्‍द्र मोदी ने दिवंगत दोस्‍त की तस्‍वीर को देखा, भावुक होकर नमन किया । श्रद्धा के सुमन अर्पित किए । इसके बाद वो जेटली के परिजनों के साथ बैठे, उनकी पत्नी संगीता जेटली, पुत्री सोनाली जेटली और बेटे रोहन जेटली से बात की । प्रधानमंत्री ने जेटली के निधन के दिन ही परिवार से बात की थी, जेटली के बेटे रोहन ने तब पीएम मोदी से कहा था वह दौरा छोड़कर न आएं क्योंकि वह देश का काम कर रहे हैं।

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बहरीन में छलका था पीएम का दर्द
पीएम मोदी ने बहरीन में जेटली के निधन पर शोक व्‍यक्‍त करते हुए कहा था कि वो उस वक्‍त कितनी पीड़ा में थे । एक तरफ काम तो वहीं दूसरी तरफ दोस्‍त का जाना, बेहद पीड़ादायी रहा । भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम ने बहरीन में कहा था, मैं भले ही यहां आप लोगों से बात कर रहा हूं और देश में जन्माष्टमी का उत्सव है, लेकिन मैं मन में गहरा शोक दबाए बैठा हूं।’ उन्‍होने कहा – ‘जिस दोस्त के साथ सार्वजनिक जीवन और राजनीतिक यात्रा पर कदम से कदम मिलाकर चले। हर पल एक-दूसरे के साथ जुड़े रहे और साथ मिलकर जूझे। सपनों को सजाने और सपनों को निभाने का सफर जिनके साथ किया, उस दोस्त अरुण जेटली ने आज अपनी देह छोड़ दी। मैं कल्पना नहीं कर सकता कि मैं यहां बैठा हूं और मेरा दोस्त अरुण चला गया।’

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भावना और कर्तव्य का द्वंद
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि वो किस द्वंद में जी रहे हैं, इसका किसी को अंदाजा तक नहीं । उन्‍होने कहा – ‘बहुत दुविधा के पल हैं मेरे सामने। एक तरफ कर्तव्य भाव से बंधा हूं और दूसरी तरफ दोस्ती का एक सिलसिला भावनाओं से भरा है। बहरीन की धरती से भाई अरुण को श्रद्धांजलि देता हूं और नमन करता हूं।’ आपको बता दें अरुण जेटली का शनिवार 24 अगस्त को दोपहर 12.07 बजे दिल्ली के एम्स में को निधन हो गया था। उनके निधन के समय पीएम विदेश दौरे पर थे ।

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