चांद पर सलामत है विक्रम लैंडर, ISRO का बड़ा बयान, सच में आ सकती है Good News

इसमें कोई भी टूट-फूट नहीं हुई है । इसरो लैंडर के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने की हर संभव कोशिश कर रहा है । उम्मीद है कि इसरो जल्द ही विक्रम से संपर्क स्थापित करने में कामयाब होगा ।

New Delhi, Sep 09: चंद्रयान 2 को लेकर इसरो अब भी उम्‍मीद से भरा हुआ है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन रविवार को जानकारी देते हुए कहा कि चंद्रयान-2के लैंडर विक्रम की लोकेशन पता चल गई है । विक्रम, चांद से टकराने के बावजूद एकदम सही-सलामत है । इसरो लगातार विक्रम से संपर्क साधने में जुटा हुआ है । इसरो वैज्ञानिकों को पूरी उम्‍मीद है कि वो जल्‍द ही इससे संपर्क साधने में कामयाब हो पाएंगे । लेकिन परेशानी का कारण बस ये है कि इसरो के पास फिलहाल 12 दिन का समय ही बचा है ।

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सोमवार को आई गुड न्‍यूज
978 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए मिशन चंद्रयान-2 को लेकर वैज्ञानिक अभी हारे नहीं हैं , Chandrayan-2 Mission में अभी बहुत कुछ बाकी है । सोमवार को इस संबंध में इसरो ने बड़ी खुशखबरी देते हुए बताया कि चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग के बाद चंद्रयान-2  के लैंडर ‘विक्रम’ को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है ।  इसमें कोई भी टूट-फूट नहीं हुई है । इसरो लैंडर के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने की हर संभव कोशिश कर रहा है । उम्मीद है कि इसरो जल्द ही विक्रम से संपर्क स्थापित करने में कामयाब होगा ।

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12 दिन में साधना होगा संपर्क
रविवार को जानकारी मिलने के बाद से ही वैज्ञानिक जल्‍द से जल्‍द संपर्क साधने की पुरजोर कोशिशों में जुटे हैं । हालांकि इसरो के पास लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के लिए 12 दिन बचे हैं, वरना ‘मिशन चंद्र’ पूरा होने की उम्मीदें खत्म हो सकती हैं ।  ऐसा इसलिए क्‍योंकि चांद पर अभी लूनर डे चल रहा है । एक लूनर डे धरती के 14 दिनों का होता है । अब इसमें से 2 दिन तो चले गए हैं । मतलब यह है कि आने वाले 12 दिन चांद पर दिन रहेगा, उसके बाद चांद पर रात हो जाएगी । रात में विक्रम से संपर्क साधने में परेशानी होगी और इसरो का इंतजार लंबा हो जाएगा ।

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संभावनाओं से इनकार नहीं : इसरो
इसरो के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक लैंडर के फिर से सक्रिय होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता । उन्होंने कहा –  ‘लेकिन कुछ सीमाएं हैं । हमें भूस्थिर कक्षा में अंतरिक्ष यान (जिनका संपर्क टूट गया) की बहाली का अनुभव है, लेकिन यहां (विक्रम के मामले में) बहुत अधिक गुंजाइश नहीं है । वह पहले ही चंद्रमा की सतह पर पड़ा है और हम उसे फिर से ठीक नहीं कर सकते।’ इसरो की ओर से पहले बताया गया था कि शुक्रवार देर रात चांद से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर आकर लैंडर विक्रम खो गया था । साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रोवर प्रज्ञान अभी भी लैंडर के अंदर है ।