प्रथम अपराध में ही जेल काट लिए होते तो बुढ़ापे में जेल यात्रा का कष्ट तो नहीं होता!

जवानी व सत्ता के नशे में तब तो मीडिया को हड़का कर और न्यायिक प्रक्रिया में हेरफेर करके सजा से बच जाते हैं। पर यदाकदा अगले अपराध में बुढ़ापे में फंस जाते हैं।

New Delhi, Sep 15 : लगता है कि भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद का भी वही हाल होने वाला है जिस हाल में अभी आशाराम बापू हैं। यदि जांचकत्र्ताओं को बलात्कार के आरोप में कुछ भी सच्चाई लगेगी तो। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री चिन्मयानंद पर यह आरोप है कि उन्होंने एक छात्रा के साथ बलात्कार किया।

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छात्रा के पिता ने विशेष जांच दल को दुष्कर्म के साक्ष्य सौंप दिए हैं। इससे पहले भी स्वामी पर ऐसा ही एक आरोप लग चुका है। वह केस भी चल रहा है। राजनीतिक दृष्टि से ताकतवर चिन्मयानंद के खिलाफ उस केस को उठाने की कोशिश भी हुई थी। पर सरकार सफल नहीं हो सकी थी।

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अब चूंकि ताजा मामला सुप्रीम कोर्ट की नजर में आ गया है, इसलिए इस भाजपा नेता का बचना मुश्किल है, यदि वे दोषी लगे तो। बुढ़ापे में जेल काटना पड़ता रहता है या काट चुके होते हैं कुछ आदतन अपराधी। उनमें नेता व स्वामी आदि शामिल हैं। अच्छा होता कि पहले ही अपराध में जवानी में ही जेल काट लिए होते।

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पर जवानी व सत्ता के नशे में तब तो मीडिया को हड़का कर और न्यायिक प्रक्रिया में हेरफेर करके सजा से बच जाते हैं। पर यदाकदा अगले अपराध में बुढ़ापे में फंस जाते हैं। इस देश के एक पूर्व मुख्य मंत्री जवानी के एक अपराध से तो खुद को सजामुक्त करवा लियां था। उसमें प्रधान मंत्री तक से उन्हें मदद मिल गयी थी। पर वह आदतन भ्रष्ट नेता एक अन्य घोटाले में बुढ़ापे में सजायाफ्ता हो गया। बुढ़ापे में जेल का कष्ट हुआ। फिर तो राम नाम सत्य हो गया !!

(वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)