हरियाणा चुनाव- दो केन्द्रीय मंत्रियों के तेवर ने बढा दी है मोदी-शाह की उलझन, बीजेपी में खलबली
कृष्णपाल गुर्जर का कहना है कि उनके बेटे देवेन्द्र चौधरी भी चुने हुए पार्षद और डिप्टी मेयर हैं, तो राव इंद्रजीत बेटी की टिकट के लिये चौधरी बीरेन्द्र सिंह की तरह केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को तैयार हैं।
New Delhi, Sep 26 : हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, विपक्षी दलों में फूट की वजह से बीजेपी उत्साह से भरी हुई है, हालांकि हरियाणा बीजेपी की उलझन प्रदेश के दो कद्दावर नेताओं ने बढा दी है, केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी, तो कृष्णपाल गुर्जर अपने बेटे को टिकट दिलाने पर अड़े हुए हैं।
सतर्क है पार्टी नेतृत्व
राव इंद्रजीत के लगातार शक्ति प्रदर्शन से पार्टी नेतृत्व सतर्क है, और उन्होने फिलहाल फैसला टाल दिया है, दोनों केन्द्रीय मंत्रियों का तर्क है, कि अगर चौधरी बीरेन्द्र सिंह के परिवार से तीन-तीन लोग सांसद और विधायक बन सकते है, तो उनके परिवार के लोगों को दूसरा टिकट क्यों नहीं दिया जा सकता।
तल्ख बहस
दो दिन पहले ही पार्टी मुख्यालय में विधानसभा चुनाव को लेकर हुई बैठक में इस मुद्दे को लेकर बेहद तल्ख बहस हुई, पार्टी नेतृत्व का तर्क था कि चूंकि चौधरी बीरेन्द्र सिंह की पत्नी विधायक हैं, इसलिये टिकट के मामले में उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती, आपको बता दें कि चौधरी बीरेन्द्र सिंह खुद राज्यसभा सांसद और उनके बेटे हिसार से लोकसभा सांसद हैं।
इस्तीफा देने को तैयार
कृष्णपाल गुर्जर का कहना है कि उनके बेटे देवेन्द्र चौधरी भी चुने हुए पार्षद और डिप्टी मेयर हैं, तो राव इंद्रजीत बेटी की टिकट के लिये चौधरी बीरेन्द्र सिंह की तरह केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को तैयार हैं। राव इंद्रजीत अपनी बेटी आरती राव के लिये रेवाड़ी से टिकट पर अड़े हुए हैं, उनकी योजना अगले लोकसभा चुनाव में अपनी जगह बेटी आरती को ही गुरुग्राम लोकसभा से चुनाव लड़ाकर राजनीतिक विरासत सौंपने की है।
राव इंद्रजीत की शिकायत
पार्टी सूत्रों का दावा है कि राव इंद्रजीत सिंह की शिकायत ये है कि एक ओर उनकी बेटी के साथ-साथ उनके समर्थकों को भी टिकट देने में आनाकानी हो रही है, जबकि उनके धुर विरोधियों को पार्टी में शामिल करा कर टिकट देने की तैयारी की जा रही है, अपने विरोधी जगदीश यादव, राव अभय सिंह, विक्रम ठेकेदार को टिकट की संभावना के बीच राव इंद्रजीत रैलियों के माध्यम से लगातार शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं, राव के समर्थकों का कहना है कि 69 वर्षीय केन्द्रीय मंत्री के पास अपनी बेटी को राजनीतिक विरासत सौंपने का ये आखिरी मौका है, इसलिये वो किसी भी सूरत में बेटी के टिकट के लिये अड़े हुए हैं।
65 सीटों पर चर्चा
पार्टी मुख्यालय में हरियाणा की कोर कमेटी की पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ 65 सीटों पर वनटू वन चर्चा हुई, इस क्रम में तैयार किये गये पैनल और आंतरिक रिपोर्ट का मिलान किया गया, पार्टी सूत्रों का दावा है कि इनमें 55 सीटों के लिये नाम तय कर लिये गये हैं, बैठक में राज्य के सीएम मनोहर लाल खट्टर, चुनाव प्रभारी नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रभारी अनिल बंसल और प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला मौजूद थे।