बिहार से राज्यसभा की एक सीट ने चढाया सियासी पारा, बीजेपी-जदयू में हैं इतने दावेदार

सवाल ये है कि ये सीट बीजेपी को मिलेगी या फिर जदयू इस पर अपना हक जताएगी, दोनों पार्टियों के नेता इस इकलौती सीट पर दावा ठोंक रहे हैं।

New Delhi, Oct 02 : बिहार और यूपी में 1-1 राज्यसभा सीट के लिये अगले कुछ दिनों में चुनाव होने हैं, 4 अक्टूबर के तक नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथी है, यूपी की राज्यसभा सीट पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन से और बिहार की राज्यसभा सीट राम जेठमलानी के निधन से खाली हुई है। राजद से चुने गये राम जेठमलानी का कार्यकाल 2022 में खत्म होना था, लेकिन हाल ही में उनका निधन हो गया, लिहाजा इस सीट से भी जो नेता चुना जाएगा, उसका कार्यकाल तीन साल का होगा, राज्यसभा में ऐसा ही नियम है।

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बिहार के एक मात्र सीट को लेकर सियासत गर्म
राज्यसभा की एक मात्र सीट को लेकर बिहार में सियासत गरमा गई है, हालांकि हरियाणा विधानसभा चुनाव और बिहार में बाढ की स्थिति को देखते हुए राज्यसभा की खाली सीट के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है, लेकिन बीजेपी हाईकमान की नजर इस सीट पर है, बीजेपी चाह रही है, कि वो राज्यसभा में खुद को और मजबूत करे, हालांकि बाढ के हालात को देखते हुए बीजेपी-जदयू ने इस पर ज्यादा चर्चा नहीं की है, लेकिन संभावना है कि अगले एक दिन में सहमति बन जाएगी, कि ये सीट किसके पाले में जाएगी, चर्चा है कि ये सीट जदयू के खाते में जाएगी, इसकी वजह है कि जदयू विधानसभा में बीजेपी से बड़ी पार्टी है, इसलिये उनका दावा ज्यादा मजबूत दिख रहा है।

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के सी त्यागी की दावेदारी मजबूत
सवाल ये है कि ये सीट बीजेपी को मिलेगी या फिर जदयू इस पर अपना हक जताएगी, दोनों पार्टियों के नेता इस इकलौती सीट पर दावा ठोंक रहे हैं, राजनीतिक एक्सपर्ट का कहना है कि बीजेपी के पाले में ये सीट आती है, तो बीजेपी किसी संगठन के व्यक्ति को राज्यसभा भेज सकती है, इसमें एक नाम झारखंड के संगठन मंत्री राजेन्द्र सिंह का है, राजेन्द्र सिंह राजपूत जाति से हैं, संगठन में उनका अच्छा खासा दबदबा है, जदयू की ओर से केसी त्यागी सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।

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शाहनवाज हुसैन का नाम
बीजेपी की ओर से दूसरा नाम राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन का है, शाहनवाज हुसैन 2014 लोकसभा चुनाव में भागलपुर सीट से राजद उम्मीदवार से मामूली अंतर से हार गये थे, जबकि 2019 में भागलपुर सीट जदयू के खाते में चली गई, इसलिये उनकी उम्मीदवारी पर विराम लग गया, पार्टी सूत्रों का दावा है कि शाहनवाज हुसैन को राज्यसभा भेजा जा सकता है।